From The India Gate: इधर 'ऑपरेशन शक्ति' ने उतारा कॉमरेडों का मुखौटा, उधर बिना विचारे बोलने पर नेताजी हुए शर्मिंदा

सियासी गलियारों में परदे के पीछे बहुत कुछ घटता है- ओपिनियन, साजिश, सत्ता का खेल और राजनीतिक क्षेत्र में आंतरिक तकरार। पेश है 'फ्रॉम द इंडिया गेट' का 31वां एपिसोड, जो आपके लिए लाया है पॉलिटिक्स की दुनिया के कुछ ऐसे ही चटपटे और मजेदार किस्से।

From The India Gate: सियासी गलियारों में परदे के पीछे बहुत कुछ होता है- ओपिनियन, साजिश, सत्ता का खेल और राजनीतिक क्षेत्र में आंतरिक तकरार। एशियानेट न्यूज का व्यापक नेटवर्क जमीनी स्तर पर देश भर में राजनीति और नौकरशाही की नब्ज टटोलता है। अंदरखाने कई बार ऐसी चीजें निकलकर आती हैं, जो वाकई बेहद रोचक और मजेदार होती हैं। पेश है 'फ्रॉम द इंडिया गेट' (From The India Gate) का 31वां एपिसोड, जो आपके लिए लाया है, सत्ता के गलियारों से कुछ ऐसे ही मजेदार और रोचक किस्से।

ऑपरेशन शक्ति..

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केरल में कम्युनिस्ट पार्टी के गढ़ पर एक स्पेशल ऑप्स सर्जिकल स्ट्राइक ने उसका मुखौटा उतार दिया है। कॉमरेड और सीनियर जर्नलिस्ट जी शक्तिधरन, जो पहले पार्टी के मुखपत्र देशाभिमानी के संपादकीय बोर्ड में थे, सीपीएम नेताओं का मुखौटा उतारने के मिशन पर हैं। शक्तिधरन ने कई दशक पहले हुई एक घटना को दोहराने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। उनकी फेसबुक पोस्ट एक कॉमरेड की कहानी बताती है, जो शहीद स्तंभ (तिरुवनंतपुरम में) से टाइम्स स्क्वायर, न्यूयॉर्क तक जाना जाता है। शक्तिधरन का कहना है कि उन्होंने 2005 में एर्नाकुलम जिले में विभिन्न लोगों से इकट्ठा किए गए कैश के कई बंडलों को गिनने में इस कॉमरेड की मदद की थी। इस दौरान 2 करोड़ रुपये से ज्यादा के नोट गिने गए, जिन्हें तिरुवनंतपुरम ले जाना था। शक्तिधरन की पोस्ट के मुताबिक, हममें से दो लोग स्क्रू पाइन मैट खरीदने के लिए बाहर निकले। इन मैट्स में कैश लपेटकर कार की डिग्गी में रख दी गई। इससे वाकई में ततैया के छत्ते में हलचल मच गई। कामरेडों ने उस पर सारी गुंडागर्दी उतार दी। शक्तिधरन की दूसरी पोस्ट तो और भी अधिक खतरनाक थी। उन्होंने बताया कि कैसे कैबिनेट में शामिल एक कॉमरेड को एक महिला कॉमरेड के साथ एर्नाकुलम के एक लग्जरी होटल से भागना पड़ा। पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा होटल की घेराबंदी के बाद इस नेता को फायर एग्जिट का इस्तेमाल करना पड़ा। इसके अलावा शक्तिधरन ने बताया कि कैसे पार्टी ने मौजूदा KPCC अध्यक्ष के सुधाकरन को खत्म करने के लिए किलर स्क्वाड तैनात किए थे, लेकिन वे बाल-बाल बच गए। सुधाकरन CPM की हिट लिस्ट में टॉप पर हैं। शक्तिधरन ने चेतावनी दी है कि अगर साथियों ने उसे दोबारा धमकाया तो वह अपना स्नोडेन-एक्ट जारी रखेंगे। वास्तव में ये एक 'रेड कार्ड' है।

स्कोपोफोबिया..

किसी भी नेता के लिए मीडिया के साथ कम्युनिकेशन तोड़ने के लिए बस एक गलत सवाल की जरूरत होती है। कर्नाटक के रहने वाले एक नेताजी इस सूची में नए-नए शामिल हुए हैं। उन्होंने दिल्ली में होने पर कन्नड़ मीडिया के सवालों का जवाब नहीं देने का फैसला किया है। हाल ही में हुई एक गलती के बाद अब मीडिया से बातचीत के दौरान वो बेहद चौकन्ने रहते हैं। इस गलती के चलते उन्हें काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी। दरअसल, इन नेताजी ने लाइव कैमरे और माइक्रोफोन की परवाह किए बगैर अपनी पार्टी के सुप्रीमो के बारे में कुछ ऐसे कमेंट्स किए, जिन्हें टीवी चैनलों ने फौरन लपक लिया। इन कमेंट्स के जरिए चैनलों ने न सिर्फ जमकर टीआरपी बटोरी बल्कि नेताजी के भी खूब मजे लिए।

कितने केसेस हैं..

राजस्थान में एक बीजेपी नेता गब्बर की तरह हंसते हैं और राज्य में राजनीतिक विरोधियों को परेशान करते रहते हैं। वैसे, इन नेताजी की राष्ट्रीय छवि है, लेकिन उन्हें अपने पार्टी सहयोगियों की तुलना में राजस्थान की सड़कों पर कहीं अधिक देखा जाता है। राजस्थान सरकार उनके मार्च को रोकने के लिए अब तक 7 मुकदमे लगा चुकी है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। हाल ही में, मुख्यमंत्री के करीबी सहयोगियों में से एक ने उनके गुस्से को रोकने के लिए कुछ ट्रैक-2 डिप्लोमैसी की जुगत भिड़ाई। उन्होंने इस भाजपा नेता के एक विश्वासपात्र के साथ सीक्रेट मीटिंग की और उन पर कंट्रोल करने के लिए मदद का अनुरोध किया। ऐसा लगता है कि दिल्ली बीजेपी को कुछ राहत देने के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस की ओर से एक संदेश भेजा गया है।

पॉलिटिकल मेला...

देश में किसी भी चुनावी आयोजन की तुलना गांव के मेले से करने के लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। क्योंकि, ऐसे किसी भी आयोजन में आगंतुकों (इस मामले में वोटर्स) को व्यस्त रखने के लिए मौज-मस्ती और नाटक की हर चीज मौजूद होती है। बंगाल में पंचायत चुनाव की तैयारी इस परिभाषा पर पूरी तरह खरी उतर रही है। आहट और रोष ऐसा है कि विपक्षी की खिल्ली उड़ाने की पूरी कोशिश की जा रही है। वैसे, इसमें कोई हैरानी वाली बात नहीं है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हवाई त्रासदी को कुछ लोग स्वीकार कर रहे हैं, जब उनके हेलीकॉप्टर को खराब मौसम के कारण 'कहीं' आपात्कालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी। विरोधियों का कहना है कि ये पिछले संस्करण के दौरान उनके व्हीलचेयर कैम्पेन का हवाला देकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश है। कांग्रेस इसे चुनावी स्टंट बताने के साथ ही डबल बैलेट विवाद जैसी अजीब थ्योरी भी लेकर आई है। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक, ऑफिशियल बैलेट पेपर के अनुरूप रजिस्टर नंबर वाले डुप्लिकेट बैलेट पेपर तैयार हैं। उनका कहना है कि इन नकली बैलेट पेपरों पर TMC उम्मीदवारों के लिए वोट डाले जाएंगे और काउंटिंग से पहले असली बैलेट पेपर को बॉक्स से बाहर निकाल दिया जाएगा।

डेविडसन राइड..

हार्ले-डेविडसन कई लोगों के लिए मैचोइज्म (मर्द होने) का अंतिम प्रतीक है। लेकिन तमिलनाडु में एमके स्टालिन जैसे मैचो पॉलिटिकल दिग्गज भी अपने टॉप पुलिस अफसर डेविडसन देवसिरवथम को संभाल पाने में पूरी तरह नाकाम दिख रहे हैं। स्टालिन हालिया छापेमारी और उसके बाद अपने मंत्री सेंथिल बालाजी की गिरफ्तारी के बाद ED और CBI सहित केंद्र सरकार की एजेंसियों के खिलाफ ताकत दिखा रहे थे। टॉलीवुड स्टाइल में, स्टालिन ने फेमस गाने 'ना अदिचा थांगा माता, नालु मासम थूंगा माता' की तर्ज पर कहा- अगर हम जवाबी हमला करेंगे, तो आप इसे सहन नहीं कर पाएंगे। लेकिन जब केंद्र सरकार ने पूरे सबूतों के साथ फर्जी पासपोर्ट रैकेट की ओर ध्यान दिलाया कि कई लोगों के पास ऐसे ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स हैं, तो तमिलनाडु के सीएम को अपनी सारी मुद्रा छोड़नी पड़ी। स्टालिन को इसके बारे में जरा भी अंदाजा नहीं था, क्योंकि उनके भरोसेमंद आदमी और चीफ इंटेलिजेंस ऑफिसर डेविडसन देवसिरवाथम ने उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी थी। हाल ही में डेविडसन के जासूस कल्लाकुरिची स्कूल घटना के बारे में सरकार को सूचित करने में विफल रहे थे। इसी तरह, इंटेलिजेंस विंग ने सेंथिल बालाजी के घर पर ED छापे के बारे में सरकार को चेतावनी नहीं दी। उस दौरान स्टालिन सिंगापुर में थे। स्टालिन ने अब अपनी सरकार को और शर्मिंदगी से बचाने के लिए डेविडसन को DGP ऑफिस में एक महत्वहीन जगह पर खड़ा कर दिया है।

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From The India Gate: कहीं सीनियर लीडर बने 'कठपुतली' तो कहीं अपने ही नेता को पहचानने में खा गए गच्चा

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