पं बंगाल: एक सूफी मजार प्रमुख ने ममता के लिए खड़ी कर दी मुश्किल, सीधे 90 सीटों को करेगा प्रभावित

पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले फुरफुरा शरीफ अहले सुन्नतुल जमत के संस्थापक पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने एक अलग पार्टी की शुरुआत की है। पार्टी का नाम इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) है। सिद्दीकी ने कहा कि उनकी पार्टी उन समुदायों के लिए काम करेगी जिन्हें सालों से दबाया गया है। उनके उत्थान के लिए काम करेगी।

Asianet News Hindi | Published : Jan 22, 2021 2:47 AM IST / Updated: Jan 22 2021, 08:19 AM IST

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले फुरफुरा शरीफ अहले सुन्नतुल जमत के संस्थापक पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने एक अलग पार्टी की शुरुआत की है। पार्टी का नाम इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) है। सिद्दीकी ने कहा कि उनकी पार्टी उन समुदायों के लिए काम करेगी जिन्हें सालों से दबाया गया है। उनके उत्थान के लिए काम करेगी।

कौन है पीरजाता अब्बास सिद्दीकी?
पीरजादा अब्बास सिद्दीकी 34 साल के धर्मोपदेश हैं जो राजनीति में आए हैं। वे हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ से जुड़े परिवार से ताल्लुक रखते हैं। ये देश के सबसे पवित्र मजार में से एक है, जो अजमेर शरीफ के बाद दूसरे नंबर पर है।

 

उन्होंने कहा, जब ममता सत्ता में आईं तो उन्होंने कहा कि वह नौकरी और शिक्षा और 15 प्रतिशत आरक्षण देंगी। हमें विश्वास था और मैंने अपने समर्थकों से कहा, चलो ममता को वोट देते हैं। लेकिन अब उन्हें देखा गया है कि उन्होंने ऐसा नहीं किया। कुछ भी नहीं। इसके बजाय उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन किया।  इसलिए, मैंने सोचा कि दूसरों पर निर्भर न रहें कि क्या करना है। चलो अपनी खुद की पार्टी बनाएं।

चुनाव में फुरफुरा शरीफ का महत्व?
कोलकाता से लगभग 45 किलोमीटर दूर स्थित फुरफुरा शरीफ पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए महत्वपूर्ण होगा। यह हुगली जिले के जंगीपारा में स्थित है। यहां सूफी संत हजरत अबू बक्र सिद्दीकी की शिक्षाओं का अनुसरण किया जाता । यह राज्य में मुसलमानों के लिए प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। 

90 विधानसभा सीटों को करता है प्रभावित
पीरजादा सिद्दीकी सूफी संत की चौथी पीढ़ी के वंशज हैं। वह मौलवियों में से पहले होंगे जो किसी राजनीतिक पार्टी को चलाएंगे। उनके चाचा टोह सिद्दीकी ने 2011 के विधानसभा चुनावों में ममता का समर्थन किया था, लेकिन कभी औपचारिक रूप से राजनीति में शामिल नहीं हुए। राज्य में यह जगह हावड़ा, हुगली, दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना और दिनाजपुर जिलों में मुस्लिमों के आधिपत्य में है। ये पांच जिले कम से कम 90 विधानसभा क्षेत्रों को प्रभावित करता है।  

पार्टी लॉन्चिंग में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कहा, हमारे कार्यकर्ता और समर्थक पिछड़े समुदायों के लोगों को आगे लाने के लिए एकजुट होंगे। हम सभी पिछड़ी जाति, दलित, मुस्लिम, एससी, एसटी और अन्य समुदायों को आगे लाने के लिए काम करेंगे।

एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के साथ उनकी मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर सिद्दीकी ने कहा, ओवैसी साहब मुझसे मिले और हमने विस्तार से बात की। उन्होंने मुझसे कहा कि वह हमारे साथ खड़े रहेंगे। ओवैसी साहब भी देश के संविधान को लागू कराने के बारे में सोचते हैं। उन्हें लेकर लोगों के मन में गलत धारणा है। पश्चिम बंगाल में इस साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं। 

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