G-20 Summit: दुनिया भारत के लिए और भारत दुनिया के लिए तैयार, संयुक्त राष्ट्र के देश भी चाहते हैं बदलाव

G-20 समिट को लेकर दिल्ली में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। दुनिया के 20 बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्षों के स्वागत के लिए राजधानी को खूब सजाया-संवारा जा रहा है। जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होना है। 

G20 Summit: G-20 समिट को लेकर दिल्ली में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। दुनिया के 20 बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्षों के स्वागत के लिए राजधानी को खूब सजाया-संवारा जा रहा है। जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होना है। अध्यक्ष होने के नाते इस सम्मेलन के लिए एजेंडे को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी भारत के पास है। यही वजह है कि जनवरी, 2023 यानी पिछले 8 महीने से जी 20 से जुड़ी कई बैठकों का आयोजन देश के 50 से भी ज्यादा शहरों में हुआ है। सम्मेलन को लेकर करीब 200 बैठकें हो चुकी हैं। जी-20 सम्मेलन की तैयारियों पर नजर डाल रहे हैं गिरीश लिंगन्ना।

G-20: अपनी सांस्कृतिक विविधता के साथ ब्रांडिंग करेगा भारत

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जी-20 शिखर सम्मेलन के जरिए भारत अपनी सांस्कृतिक विविधता और विभिन्न क्षेत्रों को दुनिया के सामने रखते हुए इसकी ब्रांडिंग करके अपनी छवि को और मजबूत बनाएगा। जी-20 शिखर सम्मेलन भारत के लिए दुनिया को अपनी बढ़ती ताकत दिखाने का भी एक मौका है। इस सम्मेलन के जरिए भारत कई मुद्दों पर वैश्विक एजेंडा तय करने के साथ ही उसका नेतृत्व करेगा।

थिंक20 समिट: संयुक्त राष्ट्र के सदस्य भी बदलाव देखना चाहते हैं..

वसुधैव कुटुंबकम (एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य) विषय पर आधारित जी20 शिखर सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक चुनौतियों को सामूहिक रूप से और प्रभावी ढंग से संबोधित करने में सर्वसम्मति बनाना है। 9-10 सितंबर, 2023 को होने वाले जी20 को लेकर देशभर में पहले से ही कई बैठकें हो रही हैं। 3 अगस्त को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कर्नाटक के मैसूर में आयोजित जी20 के थिंक20 शिखर सम्मेलन के प्रतिनिधियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा-संयुक्त राष्ट्र के सदस्य भी बदलाव देखना चाहते हैं और जो ऐसा नहीं चाहते हैं उनकी संख्या बहुत कम है। जयशंकर ने कहा- हम इस दिशा में काम कर रहे हैं कि दुनिया भारत के लिए और भारत दुनिया के लिए तैयार हो।

एस जयशंकर ने की वैश्विक मुद्दों पर बात

इस बैठक के दौरान एस जयशंकर ने वैश्विक मुद्दों पर भी बात की और कहा कि इन मुद्दों ने दुनिया को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। जयशंकर ने कहा कि दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं, जिसका एक ही परिणाम हो। इसकी कई वजहें हो सकती हैं। इन्हें ध्यान में रखते हुए, G20 का जनादेश विकास के क्षेत्रों की खोज करते हुए हाल के कुछ सालों में बेहद व्यापक हो गया है।

जी-20 का 4 प्वाइंट एजेंडा

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत का जी20 एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, एक्शन-ओरिएंटेड और निर्णायक होगा। बता दें कि भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को एक साल के लिए G20 की अध्यक्षता उस वक्त संभाली, जब बाली में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो द्वारा उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति से बैटन सौंपा गया। इस दौरान पीएम मोदी ने ग्लोबल लीडर्स को इस बात से आश्वस्त किया कि भारत समावेशी, निर्णायक और कार्रवाई की दिशा में काम करेगा।

G-20: इन 6 प्राथमिकताओं पर फोकस

- ग्रीन डेवलपमेंट, क्लाइमेट फाइनेंस और लाइफ (एक 'व्यवहार-आधारित' आंदोलन जो देश की समृद्ध, प्राचीन टिकाऊ परंपराओं से लिया गया है। भारत की योजना 'उपभोक्ताओं और बदले में बाजारों को पर्यावरण के प्रति जागरूक प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करने की है।)

- त्वरित, लचीला और समावेशी विकास।

- सतत विकास लक्ष्यों में तेजी लाना।

- तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर।

- 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान।

- महिला नेतृत्व वाला विकास

वाराणसी का अनुभव बेहद रोमांचक: EU कमिश्नर

पूरे साल भारत की सुंदरता और इसकी सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि को दिखाने के लिए कश्मीर से कन्या कुमारी तक दूरदराज के स्थानों में मीटिंग्स आयोजित की जा रही हैं। बता दें कि सम्मेलन में आने वाले प्रतिनिधियों और मेहमानों को अलग-अलग भाषाओं, व्यंजनों और सांस्कृतिक विरासत में भारत की समृद्ध परंपराओं से परिचित कराया जाएगा। नगालैंड का हॉर्नबिल महोत्सव एक ऐसा सांस्कृतिक कार्यक्रम था, जिसे सरकार ने G20 में भारत की नई भूमिका की शुरुआत के लिए चुना था। इसी साल जून के मध्य में जी20 के डेवलपमेंट मिनिस्टर्स की बैठक वाराणसी में हुई। इस दौरान, यूरोपियन यूनियन की कमिश्नर जुट्टा उरपिलैनेन ने कहा था कि वाराणसी आना उनके लिए बेहद रोमांचकारी अनुभव था और अगर जी-20 बैठक न होती, तो वे इस एक्सपीरियंस को गंवा देतीं।

इस बार दिल्ली के बाहर होगी आर्मी डे परेड
G-20 की बैठकें ज्यादातर भारतीय विरासत को उजागर करने वाले शहरों में आयोजित की गई हैं। हालांकि, कुछ कार्यक्रम दूर-दराज के क्षेत्रों में भी किए गए हैं। इसके अलावा छोटे उद्योगों के विकास पथ को सुव्यवस्थित करने के लिए अलग-अलग शहरों में रक्षा प्रदर्शनी आयोजित की गई हैं। कई राज्यों में सैन्य कमांडरों के सम्मेलन का इंतजाम किया गया है। यहां तक ​​​​कि 75वीं सेना दिवस परेड दिल्ली के बाहर, बेंगलुरु में शिफ्ट की गई है।

भारत के रूप में उभरती हुई महाशक्ति को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया 
पहली बार दुनिया को एक अलग नजरिए से 'असली भारत' के बारे में जानकारी मिली और इस उभरती हुई महाशक्ति की ताकत और महिमा को पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है। बता दें कि सरकार ने एक 'सेल्फी अभियान' भी शुरू किया है, जहां नागरिकों को जी20 थीम से रोशन स्मारकों के बैकग्रांड के साथ सेल्फी लेने को कहा गया है। इस अभियान के लिए चुने गए 100 स्मारकों की सूची में यूनेस्को के विरासत स्थल भी शामिल हैं। कुछ लोगों को ये पहल भले ही अजीब लगे, लेकिन कहीं न कहीं जनता को सरकार की कूटनीतिक दृष्टि से जोड़ने में ये काफी मददगार साबित होगी।

(लेखक डिफेंस, एयरोस्पेस मामलों के एक्सपर्ट और राजनीतिक विश्लेषक हैं)

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