Gaganyaan mission: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) ने शनिवार को गगनयान मिशन का पहला टेस्ट फ्लाइट लॉन्च किया। इस दौरान गगनयान के लिए बनाए गए क्रू एस्केप सिस्टम को टेस्ट किया गया।
10:16 AM (IST) Oct 21
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि TV-D1 की लॉन्चिंग सफल रही है। यह समुद्र में उतर गया है। पहले प्रयास में मिशन कंट्रोल कम्प्यूटर को रॉकेट शुरू करने में तकनीकी खराबी का पता चला था, जिसके चलते उसने इसे होल्ड कर दिया था। हमने तेजी से समस्या का पता लगाया और उसका निवारण किया।
10:07 AM (IST) Oct 21
क्रू मॉड्यूल के सभी मुख्य पैराशूट खुल गए हैं। इसके नीचे आने की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो रही है। भारतीय नौसेना की टीम क्रू मॉड्यूल को समुद्र से निकालने के लिए तैयार है।
10:05 AM (IST) Oct 21
पैराशूट की मदद से क्रू मॉड्यूल धीरे-धीरे नीचे आ रहा है। यह पांच किलोमीटर से भी नीचे आ गया है।
10:03 AM (IST) Oct 21
TV-D1 का क्रू मॉड्यूल रॉकेट से अलग हो गया है। यह नीचे आने लगा है। 16 किलोमीटर की ऊंचाई पर दो पैराशूट खुले।
09:56 AM (IST) Oct 21
गगनयान मिशन के टेस्ट फ्लाइट की लॉन्चिंग हो गई है। इससे पहले सुबह 8:45 बजे इसे लॉन्च करने की कोशिश की गई थी, लेकिन तकनीकी खराबी आने के चलते होल्ड करना पड़ा था।
08:51 AM (IST) Oct 21
इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि ऑटोमैटिक लॉन्च सीक्वेंस के दौरान मिशन कंट्रोल कम्प्यूटर ने होल्ड शो किया है। हम TV-D1 की लॉन्चिंग को थोड़ी देर के लिए रोक रहे हैं। रॉकेट के पास जाकर देखा जाएगा कि क्या परेशानी हुई है। हम जल्द ही इसे लॉन्च करेंगे।
08:48 AM (IST) Oct 21
TV-D1 लॉन्च करने के लिए 10-0 तक की उल्टी गिनती शुरु हुई थी। यह पांच तक पहुंची तभी होल्ड आ गया। इस दौरान रॉकेट से धुंआ निकलता दिखा।
08:14 AM (IST) Oct 21
इसरो द्वारा टेस्ट मिशन को पहले सुबह 8:00 बजे लॉन्च किया जाना था। खराब मौसम के चलते इसे 30 मिनट आगे बढ़ाया गया है। टेस्ट मिशन सुबह 8:45 बजे लॉन्च किया जाएगा।
07:47 AM (IST) Oct 21
क्रू एस्केप सिस्टम अंतरिक्षयात्रियों की जान बचाता है। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रूसी सोयुज MS-10 मिशन 11 अक्टूबर 2018 को लॉन्च किया गया था। इसमें रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री एलेक्सी ओवचिनिन और नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग शामिल थे। उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद मिशन नियंत्रण ने घोषणा की कि एक बूस्टर फेल हो गया है। अंतरिक्ष यात्री "लॉन्च एस्केप सिस्टम" के कारण बचने में सफल रहे। इसकी मदद से क्रू कैप्सूल को रॉकेट से अलग किया गया था।
07:27 AM (IST) Oct 21
बंगाल की खाड़ी में उतरते वक्त क्रू एस्केप सिस्टम अपने पैराशूट का इस्तेमाल करेगा। इससे उसके नीचे आने की रफ्तार कम होगी। पानी से गिरने के वक्त उसकी रफ्तार 8.5मीटर प्रति सेकंड होगी। क्रू एस्केप सिस्टम में सी मार्कर्स और लोकेशन ट्रांसमीटर लगाए गए हैं। इसकी मदद से नौसेना को पता चलेगा कि क्रू एस्केप सिस्टम कहा है। इसके बाद उसे नाव की मदद से जमीन पर लाया जाएगा।
06:42 AM (IST) Oct 21
असली गगनयान को LVM3 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। यह चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में पहुंचाने वाले रॉकेट का अपग्रेड वर्जन है। टेस्ट के लिए कम खर्च वाले बेसिक रॉकेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक LVM3 को लॉन्च करने पर 300-400 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। इसके चलते टेस्ट के लिए इस रॉकेट का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
06:39 AM (IST) Oct 21
टेस्ट रॉकेट 44 टन वजनी है। इसमें मोडिफाइड विकास इंजन लगाया गया है। यह तरल इंधन का इस्तेमाल करता है। क्रू मॉड्यूल का वजन 4520 किलो है। टेस्ट के लिए एक लेयर के दीवार वाले एल्युमीनियम ढांचे का क्रू मॉड्यूल बनाया गया है। इसमें हवा का दबाव नहीं होगा। जिस क्रू मॉड्यूल में इंसान को भेजा जाएगा उसमें विमान की तरह हवा का दबाव बनाने की जरूरत होगी।
06:37 AM (IST) Oct 21
आपात स्थिति में क्रू एस्केप सिस्टम अंतरिक्ष यात्रियों की जान बचाएगा। आज होने वाले टेस्ट में रॉकेट के उड़ान भरने और उसके सभी सिस्टम के सही से काम करने की जांच की जाएगी। देखा जाएगा कि रॉकेट से क्रू मॉड्यूल किस तरह अलग होता है और यह नीचे किस तरह आता है। टेस्ट के दौरान क्रू मॉड्यूल में कोई इंसान नहीं होगा। गगनयान के लॉन्च होने पर क्रू मॉड्यूल में अंतरिक्षयात्री रहेंगे।
06:28 AM (IST) Oct 21
आज होने वाले टेस्ट फ्लाइट के दौरान गगनयान मिशन के क्रू मॉड्यूल को सिंगल-स्टेज रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। यह करीब 17 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचेगा। इसके बाद रॉकेट से क्रू मॉड्यूल अलग हो जाएगा। गगनयान के ऊपर जाने और रॉकेट से अलग होने में 60 सेकंड लगेंगे। इसके 91 सेकंड बाद क्रू मॉड्यूल से क्रू एस्केप सिस्टम अलग होगा। क्रू एस्केप सिस्टम के पैराशूट खुलेंगे और यह समुद्र में उतरेगा। यह श्रीहरिकोटा के समुद्र तट से 10 किलोमीटर दूर समुद्र में उतरेगा।