गुलाम नबी आजाद की नई नवेली पार्टी से तीन खास लोग निकाले गए, यह है वजह

पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अपनी नई पार्टी बनाई थी। जनता से रायशुमारी के बाद उन्होंने अपनी पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखी थी। गुलाम नबी आजाद अपनी पार्टी को लगातार जम्मू-कश्मीर में विस्तार देने में जुटे हुए हैं।

Dheerendra Gopal | Published : Dec 22, 2022 3:02 PM IST / Updated: Dec 22 2022, 09:49 PM IST

Democratic Azad Party:जम्मू-कश्मीर में चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही शह-मात का भी खेल शुरू है। दल-बदल के साथ-साथ दल-विरोधी गतिविधियां भी होने लगी है। कांग्रेस के पूर्व दिग्गज गुलाम नबी आजाद की नई नवेली पार्टी भी इससे अछूती नहीं है। नई पार्टी के राज्य में संगठन विस्तार के साथ ही आंतरिक कलह भी तेज होती दिख रही। आजाद के खास तीन नेताओं को गुरुवार को बाहर का रास्ता दिखाया गया है। इन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।

इन नेताओं को निकाला गया

गुलाम नबी आजाद की नई पार्टी डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी से तीन टॉप लीडर्स को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी महासचिव आरएस चिब ने पूर्व मंत्री ताराचंद, मनोहर लाल और पूर्व विधयक बलवान सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निष्कासित कर दिया गया है। डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी (डीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद की सहमति से इन तीनों शीर्ष नेताओं को बाहर किया गया है। चिब ने कहा कि तीनों नेताओं की पार्टी को कोई जरूरत नहीं है। 

तीन महीने पहले ही डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी की नींव पड़ी

पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अपनी नई पार्टी बनाई थी। अगस्त 2022 में पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को छोड़ दिया था। कांग्रेस से इस्तीफा के बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर में एक रैली कर नई पार्टी बनाने का ऐलान किया था। जनता के सुझाए नामों के आधार पर उन्होंने अपनी पार्टी का नाम डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी रखा था।'भारत माता की जय' के नारों के बीच उन्होंने पार्टी के झंडे का अनावरण किया, जिसमें गहरे नीले, सफेद और मस्टर्ड तीन रंग हैं। सितंबर महीने में अपने झंडे का अनावरण करने के साथ इसके रंगों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि मस्टर्ड के रंग का मतलब क्रिएटिविटी है। क्रिएटिविटी का मतलब एक नई चीज बनाने की क्षमता है। इसका दूसरा अर्थ विविधता है। हमारा पूरा भारत विविधता से भरा है चाहे वह धर्म हो, जाति हो, भाषा हो या व्यंजन हो। सफेद जो बीच में शांति और अमन का प्रतीक है। हम गांधी जी का अनुसरण करते हैं। इसलिए शांति और अमन हमारी प्राथमिकता रहेगी। गहरा नीला बहुत सी चीजों का प्रतीक है- समुद्र की गहराई से लेकर आकाश की सीमा तक।

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