
GMCH Doctor Suspension: गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे (Vishwajit Rane) ने गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (GMCH) के एक डॉक्टर को निलंबित (Suspended Doctor GMCH) करने के अपने फैसले का कड़ा बचाव किया है। मंत्री ने कहा कि यह फैसला एक बुजुर्ग महिला मरीज़ के साथ कथित बदसलूकी और इलाज से इनकार के चलते लिया गया।
मीडिया से बात करते हुए राणे ने कहा: बतौर स्वास्थ्य मंत्री मैंने हस्तक्षेप किया और स्वीकार करता हूं कि मेरा लहज़ा ज़रूर ज़्यादा कड़ा हो गया था। लेकिन मैं उस बुजुर्ग महिला मरीज़ के लिए खड़ा हुआ, जिसे इलाज से मना कर दिया गया था, उसके लिए मैं कभी माफ़ी नहीं मांगूंगा।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक वरिष्ठ पत्रकार ने शिकायत की कि उनकी सास को गोवा मेडिकल कॉलेज के कैजुअल्टी वॉर्ड में जरूरी इंजेक्शन नहीं दिया गया। वह महिला पहले से पीड़ा में थीं और डॉक्टरों ने उन्हें हर दिन इंजेक्शन लेने की सलाह दी थी।
उस दिन सार्वजनिक अवकाश (public holiday) होने के कारण अस्पताल में भीड़ नहीं थी, इसके बावजूद, डॉक्टर ने अटेंड करने से इनकार कर दिया। यह बात मंत्री राणे तक पहुंची तो होंने मौके पर पहुंचकर चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. रूद्रेश कुर्तीकर (Dr Rudresh Kurtikar) को सबके सामने फटकार लगाई और फिर उन्हें सस्पेंड करने का आदेश दिया।
राणे ने कहा: डॉक्टर समाज में बहुत सम्मानित हैं और GMCH के अधिकतर डॉक्टर समर्पण के साथ काम करते हैं। लेकिन जब ड्यूटी में अहंकार आ जाए, और करुणा गायब हो जाए, तो मुझे कार्रवाई करनी ही होती है।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA Goa) की ओर से मंत्री के सार्वजनिक रूप से डॉक्टर को फटकारने की आलोचना की गई। इस पर जवाब देते हुए राणे बोले कि गलती पर गुस्सा दिखाया जाता है, लेकिन जब कोई व्यवस्था सुधारने की कोशिश करे, तो उसे भी समर्थन मिलना चाहिए।
अपने बयान के अंत में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैं सिर्फ एक मंत्री नहीं बल्कि ऐसा व्यक्ति हूं जो चाहता है कि किसी भी नागरिक को बुनियादी स्वास्थ्य सेवा से वंचित न किया जाए, खासकर हमारे बुजुर्गों को। उन्होंने दो टूक कहा: मैं फिर कहता हूं, मैं हर उस मरीज़ के अधिकार के लिए खड़ा रहूंगा जो हमारे अस्पताल में इलाज के लिए आता है। चाहे कोई कुछ भी कहे।