अक्षय उर्जा को बढ़ावा देने के लिए 1000 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम की होगी स्थापना

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का टारगेट फिक्स किया है। इससे ऊर्जा भंडारण प्रणालियों (बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली, हाइड्रो पंप भंडारण संयंत्र आदि) की स्थापना में काफी मदद मिलेगी।

Asianet News Hindi | Published : Oct 14, 2021 11:01 AM IST

नई दिल्ली। सरकार 1000 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) की स्थापना करेगी। इसके लिए टेंडर मांगा गया है। यह भंडारण सिस्टम मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्युअल एनर्जी (Ministry of New and Renewable Energy) व मिनिस्ट्री ऑफ पॉवर (ministry of Power) के संयुक्त प्रयास से स्थापित किया जाएगा। दोनों मंत्रालय इसके रोडमैप पर काम कर रहे हैं।

2030 तक 450 गीगावाट रिन्युअल एनर्जी का टारगेट

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 2030 तक 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा का टारगेट फिक्स किया है। इससे ऊर्जा भंडारण प्रणालियों (बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली, हाइड्रो पंप भंडारण संयंत्र आदि) की स्थापना में काफी मदद मिलेगी।

एसईसीआई ने टेंडर किया

भारत सरकार की मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्युअल एनर्जी की सीपीएसयू (CPSU) सौर ऊर्जा निगम (SECI) ने 1000 मेगावाट बीईएस (BES) की खरीद के लिए प्रस्ताव मांगा है। इसे आरएफएस बोली दस्तावेज के साथ प्रकाशित किया जाएगा। 28 अक्टूबर 2021 को शाम 4 बजे होने वाली प्री-बिड कॉन्फ्रेंस में इस पर चर्चा होगी।

विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के सुझावों और फीडबैक के आधार पर, अंतिम आरएफएस दस्तावेज नवंबर 2021 के पहले सप्ताह में जारी किया जाएगा, साथ ही उत्पादन, पारेषण और वितरण परिसंपत्तियों के हिस्से के रूप में बीईएसएस की खरीद और उपयोग के लिए अंतिम व्यापक दिशा-निर्देशों के साथ जारी किया जाएगा। 

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