रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को घरेलू रक्षा उद्योग की भागीदारी बढ़ाने के लिए नई खरीद नीति को मंजूरी दे दी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने हथियार खरीद की नीति में कुछ जरूरी बदलाव भी किए हैं।
नई दिल्ली. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को घरेलू रक्षा उद्योग की भागीदारी बढ़ाने के लिए नई खरीद नीति को मंजूरी दे दी है। इसके लिए केंद्र सरकार ने हथियार खरीद की नीति में कुछ जरूरी बदलाव भी किए हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर जानकारी दी कि नई खरीद नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम है। इसके तहत घरेलू रक्षा उद्योगों की भागेदारी की प्रक्रिया और आसान बन गई है। इसके साथ ही डिजाइन और विकास संबंधी गतिविधियों में इन भारतीय कंपनियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।
कईं प्रक्रियाओं को बनाया गया सरल
नई नीति के कुछ जरूरी पहलुओं में अग्रिम भुगतान की सीमा बढ़ाना, पहले बोलीकर्ता के पीछे हटने पर दूसरी न्यूनतम बोली लगाने वाले को ऑर्डर देना शामिल है। इसके अलावा बकाया जमा करने के लिए बोली की सुरक्षा की घोषणा का विकल्प दिया जाएगा। इसके अलावा वितरण अवधि के विस्तार की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है ताकि जल्दी फैसले लेने की सुविधा इसमें बनी रहे। साथ ही उद्योगों की सहभागिता बढ़ाने के लिए अन्य कई आंतरिक प्रक्रियाओं को भी सरल किया गया है। बता दें कि इससे पहले डीआरडीओ की खरीद नीति में 2016 में बदलाव हुआ था।
रक्षा विनिर्माण में 1.75 लाख करोड़ के कारोबार का लक्ष्य
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने साल 2025 तक रक्षा विनिर्माण में 1.75 लाख करोड़ रुपये (25 बिलियन अमरीकी डॉलर) का कारोबार करने का लक्ष्य रखा है। एक अनुमान के मुताबिक भारतीय सेना अगले पांच साल में पूंजी खरीद में 130 खरब अमरीकी डॉलर तक खर्च करेगी।