कोरोना से बिगड़ी इकॉनोमी सुधारने को सरकार ने खोला खजाना, वित्त मंत्री ने 73 हजार करोड़ के पैकेज का किया ऐलान

कोरोना के चलते अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए मोदी सरकार ने सोमवार को कई अहम फैसले किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार कैश वाउचर्स और फेस्टिवल एडवांस स्कीम लेकर आई है। यही नहीं वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम लाई है।

नई दिल्ली. कोरोना के चलते अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती को दूर करने के लिए मोदी सरकार ने सोमवार को कई अहम फैसले किए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा कि अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार कैश वाउचर्स और फेस्टिवल एडवांस स्कीम लेकर आई है। यही नहीं वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम लाई है। त्योहारों पर केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अपने सभी कर्मचारियों को 10 हजार रुपए एडवांस में देगी। यह रुपए फेस्टिवल एडवांस के तौर पर दिए जाएंगे। सरकार के इस कदम से करीब 1 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों को त्योहार पर खर्च करने के लिए अतिरिक्त पैसा उपलब्ध होगा। इस पैसे को 31 मार्च 2021 तक खर्च करना होगा। 

क्या है स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम ? 
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार कर्मचारियों को 10 हजार रूपए एडवांस देकर उनकी समस्याओं को कम करने का प्रयास करेगी। ये इंट्रेस्ट फ्री एडवांस है। इसे 10 किस्तों में वापस किया जा सकता है। इस योजना पर 4000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राज्य भी आए तो 8000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग पैदा होगी। 

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कर्मचारियों को एलटीसी फेयर टिकट के बदले कैश देने की तैयारी 
सरकार 12% या इससे ज्यादा जीएसटी वाले सामान खरीदने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को एलटीसी टिकट फेयर के बदले कैश देगी। इस पर केंद्र सरकार 5675 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके अलावा इस मद में 1900 करोड़ रुपए पीएसयू और बैंक खर्च करेंगे। एलटीसी के बदले नकद भुगतान जो कि डिजिटल होगा, यह 2018 से 2021 के लिए होगा, इस स्कीम के तहत ट्रेन या प्लेन के किराये का भुगतान होगा और वह टैक्स फ्री होगा, इसके लिए कर्मचारी का किराया और अन्य खर्च तीन गुना होना चाहिए। 

73,000 करोड़ रुपए की होगी जरूरत 
निर्मला सीतारमण ने कहा, एलटीसी और त्योहारों के लिए एडवांस से 36000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आवश्यकता होगी। राज्यों को अतिरिक्त पूंजीगत व्यय से 37,000 करोड़ रुपये की उपभोक्ता जरूरत होगी। इस तरह कुल 73,000 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। यह राशि 31 मार्च 2021 से पहले खर्च की जाएगी। निजी क्षेत्र की मांग भी करीब होगी। इस तरह कुल 1 लाख करोड़ रुपये की मांग पैदा होगी।

राज्यों को ब्याज मुक्त ऋण देगी केंद्र 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार, राज्यों को 50 वर्षों के लिए 12,000 करोड़ रूपए के पूंजीगत व्यय के लिए एक विशेष ब्याज मुक्त ऋण जारी कर रही है। इस योजना के 3 भाग हैं। पहले भाग के तहत 8 पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 200 करोड़ रुपये प्रत्येक राज्य के लिए यानी कुल 1,600 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के लिए 450 करोड़ प्रत्येक यानि कुल 900 करोड़ रुपये जारी होंगे। दूसरे भाग में 15वें वित्त आयोग अंतरण के अनुसार 7,500 करोड़ रुपये शेष राज्यों हेतु जारी किए जाएंगे। जबकि तीसरे भाग के मुताबिक 12,000 करोड़ रुपये का ब्याज़ मुक्त लोन राज्यों को दिया जाएगा। 2,000 करोड़ रुपये उन राज्यों को दिए जाएंगे जो व्यय विभाग द्वारा आत्म निर्भर भारत पैकेज (एएनबीपी) में निर्धारित किए गए 4 सुधारों में से कम से कम 3 सुधारों को पूर्ण करेंगे। यह 2,000 करोड़ रुपये अन्य ऋणों और कर्ज़ों की सीमा से अलग होंगे।

सड़क, रक्षा, जलापूर्ति सहित 5 विभागों के लिए अतिरिक्त बजट 
वित्त मंत्री ने कहा कि, केंद्रीय बजट 2020 में जारी किए गए 4.13 लाख करोड़ रुपये के अलावा 25,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट सड़क, रक्षा, जल आपूर्ति, शहरी विकास और घरेलू स्तर पर उत्पादित पूंजी आधारित उपकरणों पर होने वाले व्यय के लिए प्रदान किया जा रहा है। सरकारी व्यावसायिक गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित करने की अनुमति देने के लिए, वित्त  मंत्रालय और सभी संबंधित मंत्रालयों की आगामी संशोधित चर्चाओं में इनका आवंटन किया जाएगा।

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