गेहूं आयात करने संबंधी रिपोर्ट्स का सरकार ने किया खंडन, कहा- उपलब्ध है पर्याप्त स्टॉक, इम्पोर्ट की नहीं योजना

केंद्र सरकार उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है, जिसमें कहा गया है कि गेहूं का आयात किया जा सकता है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने कहा कि गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं है। देश में गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Aug 21, 2022 9:02 AM IST / Updated: Aug 21 2022, 05:01 PM IST

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गेहूं आयात (wheat import) करने संबंधी रिपोर्ट्स का खंडन किया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि गेहूं का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। गेहूं इम्पोर्ट करने की कोई योजना नहीं है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने रविवार को कहा कि भारत के पास घरेलू जरूरत पूरी करने के लिए गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है। 

विभाग की ओर से कहा गया कि भारत में गेहूं आयात करने की कोई योजना नहीं है। देश के पास अपनी जरूरत पूरी करने के लिए गेहूं का पर्याप्त स्टॉक है। FCI के पास सार्वजनिक वितरण के लिए पर्याप्त स्टॉक है। दरअसल, गर्मी के चलते इस साल गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ा था। उपज में कमी के चलते ऐसी रिपोर्ट्स आईं थी कि भारत को दूसरे देशों से गेहूं खरीदना पड़ सकता है। 

 

106.84 मिलियन टन गेहूं का हुआ उत्पादन
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार 2021-22 के दौरान 106.84 मिलियन टन गेहूं उत्पादन हुआ। पहले 111 मिलियन टन उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया में गेहूं की मांग बढ़ गई है। भारत से पहले गेहूं का निर्यात किया गया, लेकिन बाद में गेहूं की कमी को देखते हुए इसपर सरकार ने रोक लगाया। 

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वहीं, मांग बढ़ने से मंडियों में गेहूं की कीमत बढ़ गई है। रूस-यूक्रेन जंग से पहले मध्य प्रदेश के मंडियों में गेहूं की कीमत 2000-2100 प्रति 100 किलोग्राम थी। जंग शुरू होने पर कीमत बढ़कर 2400-2500 रुपए प्रति 100 किलोग्राम हो गई। केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति 100 किलोग्राम तय किया है। 

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