गुजरात में बीजेपी को झटका: MLA केतन ईनामदार ने विधायक पद से दिया इस्तीफा, बोले-आत्मसम्मान से बढ़कर कुछ नहीं

ईमानदार ने कहा कि आत्मसम्मान से बढ़कर कुछ नहीं। उन्होंने अंतरात्मा की आवाज सुनकर इस्तीफा दिया है। बीजेपी में पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं की कोई पूछ नहीं है।

 

Dheerendra Gopal | Published : Mar 19, 2024 10:56 AM IST / Updated: Mar 19 2024, 04:58 PM IST

Gujarat BJP MLA Ketan Inamdar resigns: लोकसभा चुनाव के दौरान गुजरात में बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है। सीनियर लीडर तीन बार से विधायक केतन ईनामदार ने विधायकी से इस्तीफा दे दिया है। ईमानदार ने कहा कि आत्मसम्मान से बढ़कर कुछ नहीं। उन्होंने अंतरात्मा की आवाज सुनकर इस्तीफा दिया है। बीजेपी में पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं की कोई पूछ नहीं है। हालांकि, ईनामदार ने यह भी कहा कि वह दबाव की राजनीति नहीं कर रहे हैं। वह लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार रंजन भट्ट को जीताने के लिए काम करेगे।

वडोदरा के सावली सीट से तीन बार से विधायक

केतन ईनामदार, गुजरात के वडोदरा जिले की सावली सीट से तीन बार से बीजेपी के विधायक हैं। केतन ईनामदार ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को दिया है। इस्तीफा में विधायक केतन ईनामदार ने लिखा कि वह अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने के बाद इस्तीफा दे रहे हैं। भाजपा विधायक ईनामदार ने कहा कि लंबे समय से मुझे महसूस हो रहा है कि पार्टी द्वारा छोटे और पुराने कार्यकर्ताओं का ख्याल नहीं रखा गया है। मैंने नेतृत्व को इस बारे में अवगत करा दिया है। ईनामदार ने कहा कि उन्होंने 11 साल से अधिक समय तक सावली सीट का प्रतिनिधित्व किया और जब से वह भाजपा के सक्रिय सदस्य बने तब से वह पार्टी से जुड़े हुए हैं। लेकिन जैसा कि मैंने 2020 में कहा था, आत्मसम्मान से बड़ा कुछ नहीं है। और यह अकेले केतन ईनामदार की आवाज नहीं है बल्कि पार्टी के हर एक कार्यकर्ता की आवाज है। मैंने पहले भी कहा है कि पुराने पार्टी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। ईनामदार कहा: मैं यह सुनिश्चित करने के लिए दिन-रात काम करूंगा कि हमारे लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार रंजन भट्ट सबसे बड़े अंतर से जीतें। लेकिन यह इस्तीफा मेरी अंतरात्मा की आवाज का परिणाम है।

2020 में भी दिया था इस्तीफा लेकिन नहीं स्वीकारा गया

बीजेपी विधायक केतन ईनामदार ने 2020 में भी विधायकी से इस्तीफा दिया था। लेकिन उनके इस्तीफा को स्वीकार नहीं किया गा था। उस समय उन्होंने दावा किया था कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और मंत्री उनकी और उनके निर्वाचन क्षेत्र की अनदेखी कर रहे और भगवा पार्टी के कई विधायक उनकी तरह निराश महसूस कर रहे।

पहली बार निर्दलीय चुनाव जीते

केतन ईनामदार, पहली बार 2012 में विधायक बने थे। वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीते थे। हालांकि, बाद में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। इसके बाद 2017 और 2020 में वह बीजेपी के प्रत्याशी के रूप में दो बार चुनाव जीते। गुजरात विधानसभा में 182 विधायकों में बीजेपी के 156 विधायक हैं। गुजरात में 26 लोकसभा की सीटें हैं। यहां सभी सीटों पर 7 मई को वोटिंग होगी।

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