गुजरात में मोरबी में पुल हादसा: 91 लोगों की मौत, पांच सदस्यीय SIT करेगी जांच

पुल गिरने की सूचना के बाद बचाव कार्य शुरू कर दिया गया। पुल गिरने से 100 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है। पुल का उद्घाटन बीते 26 अक्टूबर को हुआ था।

Gujarat Cable bridge collapsed: गुजरात में रविवार को एक बड़ा हादसा हो गया। राज्य के मोरबी में केबल ब्रिज गिरने से कम से कम 91 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में 25 से अधिक बच्चे हैं। सैकड़ों लोग इस हादसे में घायल हो गए हैं। हादसे के समय पुल पर करीब 500 के आसपास लोग सवार थे। कम से कम 200 लोग अभी भी लापता हैं। रेस्क्यू के लिए वायुसेना के गरुड़ कमांडो पहुंच चुके हैं। पुल गिरने से 100 से अधिक लोग फंसे हुए हैं जिनको रेस्क्यू कराया जा रहा है। जबकि 80 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (02822243300) जारी किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बातचीत कर पूरी जानकारी ली है। पीएमओ ने मृतकों के परिजन के लिए अहेतुक सहायता का ऐलान किया है। राज्य की ओर से मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतक के परिजन को चार-चार लाख रुपये सहायता का ऐलान किया है। हादसे के कारणों की जांच के लिए 5 सदस्यीय SIT बनाई गई है।

पुल का उद्घाटन बीते 26 अक्टूबर को हुआ था। 140 साल पुराने इस पुल का कुछ ही दिनों पहले जीर्णोद्धार कराया गया था। एक रिपोर्ट के अनुसार रिन्यूवल के लिए सरकार ने टेंडर, ओधवजी पटेल के स्वामित्व वाले ओरेवा समूह को दी गई थी। 

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पीएम मोदी ने की गुजरात के मुख्यमंत्री से बात

उधर, मोरबी पुल हादसा की सूचना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात की है। उन्होंने बचाव अभियान के लिए टीमों को तत्काल भेजने को कहा है। पीएम ने पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी लेने के साथ लगातार निगरानी करने और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने का निर्देश दिया है।

मृतकों को दो-दो लाख की आर्थिक सहायता

प्रधानमंत्री कार्यालय से मोरबी पुल हादसा में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति को दो-दो लाख रुपये की अहेतुक सहायता प्रधानमंत्री राहत कोष से दिया जाएगा। इस हादसा में घायलों को पचास-पचास हजार रुपये पीएमएनआरएफ से दिया जाएगा।

ऐतिहासिक है यह पुल

मोरबी का केबल ब्रिज करीब 140 साल पुराना है। इस ऐतिहासिक पुल की लंबाई 765 फीट है। इसे गुजराती नववर्ष के दिन जीर्णोद्धार के बाद खोला गया था। इस पुल को ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल किया गया है। अंग्रेजों के जमाने का यह पुल 20 फरवरी 1879 को लोगों को समर्पित किया गया था। मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने इस ब्रिज का उद्घाटन किया था। हालांकि, काफी जीर्णशीर्ण हो चुके इस पुल को काफी दिनों से आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। राज्य सरकार ने जीर्णोद्धार कराकर इसे 26 अक्टूबर को उद्घाटन कर आमजन के लिए खोल दिया था। 

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