सार

गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता लाने के लिए एक कमेटी बनाए जाने की घोषणा की थी। बीजेपी सरकार के इस स्टैंड के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

Arvind Kejriwal on Uniform Civil Code: आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए समिति बनाए जाने झांसा करार दिया है। बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए केजरीवाल ने कहा कि गुजरात के पहले उत्तराखंड में भी चुनाव के दौरान भाजपा ने ऐसा वादा किया था। उत्तराखंड में समिति बनाई थी लेकिन चुनाव खत्म होते ही समिति भी घर लौट गई। गुजरात में भी इसी तरह से झूठ बोला जा रहा है। वह लोगों को झांसा देकर चुनाव में वोट बटोरना चाहती है। अगर यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने की मंशा होती तो यूपी और मध्य प्रदेश में लागू कर दिया होता जहां उनकी सरकार है।

देश में यूनिफार्म सिविल कोड बने लेकिन सबकी सहमति से...

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश में यूनिफार्म सिविल कोड बनाने की पैरवी करते हुए कहा कि एक समान नागरिक संहिता बनाई जानी चाहिए क्योंकि संविधान में इसके लिए कहा गया है। भावनगर में केजरीवाल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 44 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यूनिफार्म सिविल कोड बनाना सरकार की जिम्मेदारी हैलेकिन इसे अन्य लोगों की सहमति से ही बनाई जानी चाहिए। सभी समुदायों से परामर्श और उनकी सहमति के बाद ऐसा करना संविधान सम्मत है लेकिन बीजेपी चुनाव की राजनीति कर रही है और केवल कमेटी बनाकर वोट लेना चाहती है। अरविंद केजरीवाल ने सवाल किया कि भाजपा इसे मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में लागू क्यों नहीं करती है - उन राज्यों में जहां वह सत्ता में है। उन्होंने कहा कि क्यों न इसे पूरे देश में लागू किया जाए। क्या वे लोकसभा चुनाव की प्रतीक्षा कर रहे हैं?

चुनाव के दौरान ध्रुवीकरण के लिए बीजेपी पर लगा आरोप

दरअसल, गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने समान नागरिक संहिता लाने के लिए एक कमेटी बनाए जाने की घोषणा की थी। कमेटी की घोषणा के बाद बीजेपी ने कहा था कि वह समान नागरिक संहिता लाने की योजना बना रही है, जो मुसलमानों के लिए एक विवादास्पद मुद्दा है, जो धर्म आधारित कानूनों को खत्म करता है। बीजेपी सरकार के इस स्टैंड के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। राज्य की प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे हिंदू वोटों को पक्ष में करने का हथकंडा बताते हुए इसे वोटों की ध्रुवीकरण की राजनीति करार दिया था। अब आम आदमी पार्टी ने भी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इसे झांसा बता दिया है। आप ने बीजेपी को इसे पहले बीजेपी शासित दूसरे राज्यों में लागू करने की चुनौती दे दी है।

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