गुजरात दंगे : SC में SIT की रिपोर्ट- मोदी के खिलाफ जाकिया जाफरी को भड़का रही थीं तीस्ता सीतलवाड़

2002 के गुजरात दंगे (Gujrat Riots) मामले तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी (Narendra modi)  को SIT की क्लीन चिट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। एसआईटी ने कहा कि पूर्व सांसद एहसान जाफरी की हत्या में मोदी को हाथ नहीं था। उनकी पत्नी जाकिया को तीस्ता सीतलवाड़ ने भड़काया, इसलिए उन्होंने गंभीर आरोप लगाए। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 26, 2021 7:52 AM IST

नई दिल्ली। गुजरात (Gujrat) में 2002 के गोधरा कांड (Godhra) के बाद भड़के दंगों (Riots) की जांच करने वाली एसआईटी (SIT) ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में दे दी है। उसने बताया है कि ऐक्टिविस्ट (Activist) तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta setalvad) ने जकिया जाफरी को तब गुजरात में सीएम रहे नरेंद्र मोदी (Narendra modi) के खिलाफ उकसाया था। एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि जकिया जाफरी और तीस्ता सीतलवाड़ ने आरोपों लगाया था दंगों के पीछे की साजिश में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल थे। लेकिन इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। यही नहीं, राज्य सरकार ने दंगों के नियंत्रण के लिए सही समय पर सेना बुलाई। यह मामला जस्टिस ए एम खानविलकर की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय बेंच में है।

सीतलवाड़ के भड़काने पर बढ़ती गई जाकिया के आरोपों की फेहरिस्त : SIT
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सी टी. रविकुमार की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई। एसआईटी कर तरफ से पेश SIT के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि 2006 में जकिया जाफरी ने जो मूल शिकायत दर्ज कराई थी, वह 30-40 पेज की थी। वक्त बीतने के साथ आरोपों की लिस्ट बढ़ती गई। शिकायत सैकड़ों पेज की हो गई और 2018 में नए सिरे से जांच की मांग की गई। शिकायतकर्ता (जकिया जाफरी) तीस्ता सीतलवाड़ और उनके एनजीओ के प्रभाव में थी। उनके उकसावे में आकर उन्होंने इस तरह के गंभीर आरोप लगाए। एसआईटी ने हर एक आरोपों की गहराई में जाकर जांच की। लेकिन दंगे के पीछे बड़ी साजिश के आरोपों में सच्चाई नहीं थी। 

दंगों की रिपोर्ट अब क्यों ? 
28 फरवरी 2002 को दंगाइयों की भीड़ ने अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में उत्पात मचाया था। घरों को आग लगा दिया गया। इसमें कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी समेत 69 लोगों की मौत हुई थी। जाफरी की पत्नी जकिया ने इस साजिश में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के शामिल होने का आरोप लगाया था। 2009 में कोर्ट ने एसआईटी को एहसान जाफरी की हत्या में मोदी व अन्य के शामिल होने से जुड़े जकिया जाफरी के आरोपों की जांच की भी जिम्मेदारी सौंपी। जांच के बाद एसआईटी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 63 अन्य को क्लीन चिट दी थी। इस फैसले को जकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट  ने अपनी निगरानी में एसआईटी बनाई थी। 

जकिया ने SIT चीफ की निष्पक्षता पर भी उठाए हैं सवाल
इस बीच, जकिया जाफरी ने SIT चीफ पर सवाल उठाए हैं। जाफरी ने दावा किया है कि एसआईटी ने अहम सबूतों को नजरअंदाज करते हुए क्लोजर रिपोर्ट पेश की। उनके वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal ) ने गुरुवार को एसआईटी चीफ आरके राघवन की निष्पक्षता पर यह कहते हुए सवाल उठाया कि जांच के बाद उन्हें साइप्रस में भारत का हाई कमिश्नर बनाया गया। क्लीन चिट के एवज में राघवन को 'अच्छे से पुरस्कृत' किया गया।

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