
नेशनल डेस्क: सऊदी अरब में हज यात्रा 26 जून 2023 से शुरू हो चुकी है। इस बार 25 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री सऊदी अरब हज यात्रा के लिए पहुंचे हैं। इसे इतिहास का सबसे बड़ा जत्था करार दिया जा रहा है और इस बार की हज यात्रा को ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि कोरोना महामारी के बाद पहली बार सभी प्रतिबंधों को हटा दिया गया है और यहां पर लाखों की संख्या में हज यात्री मक्का में तवाफ और काबा की परिक्रमा करने के लिए पहुंच रहे हैं। बता दें कि इस बार हज यात्रा 26 जून से शुरू हो गई है, जो 1 जुलाई 2023 तक चलेगी।
काबा की परिक्रमा लगाने पहुंचे लाखों लोग
हज यात्रा को लेकर ट्विटर पर Fahama Chudary नाम से बने हैंडल पर एक वीडियो शेयर किया गया है। 23 सेकंड के इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि हज यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में तीर्थयात्री काबा की परिक्रमा लगाते नजर आ रहे हैं। इससे पहले यह तीर्थयात्री माउंट अराफात पर इकट्ठा हुए थे। कहा जाता है कि यहां पैगंबर मोहम्मद ने अपना अंतिम उपदेश दिया था।
हज 2023 में सुरक्षा के इंतजाम
हज यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर हजारों की संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इस बीच सबसे बड़ी चुनौती गर्मी है, क्योंकि यहां का तापमान लगभग 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। ऐसे में सऊदी अधिकारियों ने बताया कि 32000 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मी और हजारों एंबुलेंस तीर्थ यात्रियों के लिए तैनात की गई है। साथ ही इन यात्रियों को हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और थकावट से बचने के लिए जरूरी चीजें भी मुहैया कराई जा रही हैं।
क्या होता है हज
हज एक मुस्लिम तीर्थ यात्रा है, जिसे मुस्लिम समुदाय के लोग सऊदी अरब के पाक शहर मक्का में जाकर करते हैं। दरअसल, यहां पर इस्लाम धर्म के 5 स्तंभ (शहादा, नमाज, रोजा, जकात और हज) में से एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। कहते हैं कि एक मुसलमान को जीवन में एक बार हज यात्रा जरूर करनी चाहिए। हज यात्रा करने वालों को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और जो हज यात्रा करता है वह अल्लाह के बहुत करीब हो जाता है। हज यात्रा के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग सफेद रंग के कपड़े पहनते हैं जिन्हें एहराम कहा जाता है। एहराम पहनकर ही काबा की परिक्रमा लगाई जाती है।
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