आज से सोना खरा-खरा: अब बगैर हॉलमार्किंग के नहीं बिकेगी गोल्ड ज्वैलरी

आज से (15 जून) बगैर हॉलमार्किंग के गोल्ड ज्वैलरी नहीं बिक सकेगी। मतलब कि अब से सोने की ज्वैलरी की हॉलमार्किंग अनिवार्य होने हो गई है। आपको बता दें कि अभी केवल 30% भारतीय स्वर्ण आभूषण ही हॉलमार्क वाले बिकते थे। इससे कस्टमर्स के साथ धोखाधड़ी की आशंका बनी रहती है। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 15, 2021 9:57 AM IST

नई दिल्ली.  आज से गोल्ड ज्वैलरी बिना हॉलमार्किंग के नहीं बेची जा सकेगी। मई के अंतिम सप्ताह में उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, रेलवे तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत में सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के कार्यान्वयन में हुई प्रगति की समीक्षा की थी। इसमें साफतौर पर कह दिया गया था कि 15 जून के बाद बगैर हॉलमार्किंग वाली गोल्ड की ज्वैलरी नहीं बेची जा सकेगी। इससे पहले यह प्रक्रिया प्रक्रिया 1 जून से होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसे आगे बढ़ाना पड़ा था। आपको बता दें कि अभी केवल 30% भारतीय स्वर्ण आभूषण ही हॉलमार्क वाले बिकते थे। इससे कस्टमर्स के साथ धोखाधड़ी की आशंका बनी रहती है।

सोने को शुद्धता की कसौटी पर खरा साबित करने की कोशिश
इस दिशा में उचित तालमेल सुनिश्चित करने और क्रियान्वयन के मुद्दों को हल करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद तिवारी इस समिति के संयोजक हैं। सरकार का मानना है कि स्वर्ण आभूषणों में भारत के पास विश्व के सर्वोत्तम मानक होने चाहिए। 

1 जून तक पुराना स्टॉक हटाने को कहा था
भारतीय मानक ब्यूरो की हॉलमार्किंग योजना के तहत आभूषण विक्रेता हॉलमार्क वाले गहने बेचने और परीक्षण तथा हॉलमार्किंग केंद्रों को मान्यता देने के लिए पंजीकृत हैं। बीआईएस (हॉलमार्किंग) अधिनियम 14 जून 2018 से लागू किए गए थे। हॉलमार्किंग उपभोक्ताओं/आभूषण खरीदारों को सही विकल्प चुनने में सक्षम बनाएगी और उन्हें सोना खरीदते समय किसी भी अनावश्यक भ्रम से बचाने में भी मदद करेगी। अभी केवल 30% भारतीय स्वर्ण आभूषण ही हॉलमार्क वाले बिकते रहे हैं।

सरकार ने पुरान स्टॉक 1 जून तक हटाने को कहा था। इसका इसके बाद हॉलमार्किंग से ग्राहकों को सोने के नाम पर ठगा नहीं जा सकेगा। इससे पहले सरकार ने 15 जनवरी 2020 को सोने के आभूषणों/कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी किया गया था, लेकिन गैर-हॉलमार्क वाले आभूषणों के पुराने स्टॉक को हटाने के लिए अंतिम तिथि 1 जून 2021 तक बढ़ा दी गई थी।

कस्टमर्स को मिलेगा शुद्ध सोना
सोने की शुद्धता/सुंदरता, उपभोक्ता संरक्षण के लिए तीसरे पक्ष के आश्वासन के माध्यम से स्वर्ण आभूषणों की विश्वसनीयता और ग्राहकों की संतुष्टि को बढ़ाने के लिए आभूषणों/कलाकृतियों की हॉलमार्किंग आवश्यक है। यह कदम भारत को विश्व में एक प्रमुख स्वर्ण बाजार केंद्र के रूप में विकसित करने में भी मदद करेगा।
यहां पर यह ध्यान देने वाली बात है कि, बीते पांच वर्षों में परख एवं हॉलमार्किंग वाले केंद्रों में 25% की वृद्धि हुई है। पिछले पांच वर्षों में इस तरह के एएंडएच केंद्रों की संख्या 454 से बढ़कर 945 हो गई है। वर्तमान में 940 परख एवं हॉलमार्किंग केंद्र कार्य कर रहे हैं। इसमें से 84 एएचसी विभिन्न जिलों में सरकारी सब्सिडी योजना के तहत स्थापित किए गए हैं।

यह भी जानें

वर्तमान में परख एवं हॉलमार्किंग केंद्र एक दिन में 1500 गहनों को हॉलमार्क कर सकते हैं, इन केंद्रों की प्रति वर्ष अनुमानित हॉलमार्किंग क्षमता 14 करोड़ आभूषण (500 गहने प्रति पाली और 300 कार्य दिवस मानते हुए) हैं।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, भारत में करीब 4 लाख ज्वैलर्स हैं, इनमें से सिर्फ 35879 को ही बीआईएस सर्टिफाइड किया गया है।

Share this article
click me!