तेजस भी कर सकेगा बालाकोट जैसा स्ट्राइक, HAMMER Missiles से बढ़ेगी ताकत

तेजस की क्षमता बढ़ाने के लिए भारत ने फ्रांस को हैमर मिसाइल (HAMMER Missiles ) का ऑडर दिया है। इस मिसाइल को विशेष रूप से बंकरों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 17, 2021 7:36 AM IST / Updated: Nov 17 2021, 01:11 PM IST

नई दिल्ली। 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक (Balakot airstrike) किया था। इस हमले के लिए फ्रांस में बने मिराज 2000 विमानों को चुना गया था। मिराज को उसके स्पाइस-2000 बमों की वजह से चुना गया। ये बम 70 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकते हैं। स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस भी ऐसे हमले कर सके इसके लिए इसे हैमर मिसाइल (HAMMER Missiles) से लैस किया जाएगा।

तेजस की क्षमता बढ़ाने के लिए भारत ने फ्रांस को हैमर मिसाइल का ऑडर दिया है। इस मिसाइल को विशेष रूप से बंकरों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है। हवा से जमीन पर मार करने वाला यह मिसाइल 70 किलोमीटर दूर तक मार करता है। कम ऊंचाई से दागे जाने पर इसका रेंज 15 किलोमीटर है। लड़ाकू विमान राफेल को भी इस मिसाइल से लैस किया जाएगा।

330 किलोग्राम है वजन
3 मीटर लंबे और 330 किलोग्राम वजनी हैमर मिसाइल टारगेट पर अचूक वार करता है। फ्रांस की वायु सेना और नौ सेना इस मिसाइल का इस्तेमाल करती है। राफेल एक बार में छह हैमर मिसाइल लेकर उड़ान भर सकता है। बंकर और सैन्य अड्डों को तबाह करने के साथ ही हैमर ट्रक और कार जैसे चलने वाले लक्ष्य पर भी पूरी सटीकता से हमला कर सकता है।  

सीमा पर चीन के आक्रामक रुख को देखते हुए भारतीय वायु सेना ने हैमर मिसाइल के लिए आपातकालीन खरीद शक्ति के तहत ऑडर दिया है। पहले हैमर मिसाइल से राफेल को लैस किया जाएगा। इसके बाद तेजस पर मिसाइल लगाए जाएंगे। फ्रांस के अधिकारियों ने तेजी से मिसाइलों की आपूर्ति के लिए अपनी सहमति दी है।

क्यों खास है हैमर
हैमर मिसाइल को पहाड़ों पर बने मजबूत बंकरों को नष्ट करने के लिए बनाया गया है। सीमा पर चीन के आक्रामक रुख के चलते भारत को ऐसे हथियार की जरूरत थी, जिसे दूर से ही चलाकर दुश्मन के बंकरों को नष्ट किया जा सके। मिसाइल के 70 किलोमीटर के रेंज के चलते इसे दुश्मन के करीब गए बिना ही दागा जा सकता है। लद्दाख के पहाड़ी क्षेत्र में इस मिसाइल की उपयोगिता और बढ़ जाती है। 

हैमर मिसाइल को फायर एंड फॉरगेट श्रेणी के हथियारों में गिना जाता है। इसका मतलब है कि एक बार दागे जाने के बाद मिसाइल अपने लक्ष्य को जरूर भेदेगा। टारगेट तक पहुंचने के लिए हैमर मिसाइल हाईब्रिड INS/GPS गाइडेंस का इस्तेमाल करता है। हैमर मिसाइल के लेटेस्ट वर्जन इन्फ्रारेड और लेजर गाइडेंस से भी लैस हैं।

 

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