पीएम मोदी की दूरदर्शिता के कारण भारत ने विकसित किया अपना पहली स्वदेशी वैक्सीन: मनसुख मंडाविया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह कोविड -19 के खिलाफ भारत की लड़ाई की यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण है। कोविड -19 टीकों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि से भारत में टीकाकरण की गति और तेज होगी।

Asianet News Hindi | Published : Aug 29, 2021 11:31 AM IST

नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा  रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को गुजरात के अंकलेश्वर में भारत बायोटेक की चिरोन बेहरिंग वैक्सीन सुविधा से कोवैक्सिन का पहला वाणिज्यिक बैच जारी किया। मनसुख मंडाविया ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता  के कारण भारत अपनी पहली स्वदेशी वैक्सीन विकसित करने में सक्षम है। भारत दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्रोग्राम में से एक चला रहा है और यह इन स्वदेशी टीकों के विकास के कारण संभव हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी, 2021 से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सफलतापूर्वक चल रहा है।

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अंकलेश्वर सुविधाओं से कोवैक्सिन के पहले बैच को राष्ट्र को समर्पित करते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह कोविड -19 के खिलाफ भारत की लड़ाई की यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण है। कोविड -19 टीकों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि से भारत में टीकाकरण की गति और तेज होगी। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है कि दोनों कंपनियों -भारत बायोटेक और ज़ायडस कैडिला के टीकों का अनुसंधान और उत्पादन भारत में हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि आज से ही  अंकलेश्वर संयंत्र की प्रति माह 1 करोड़ से अधिक खुराक की उत्पादन  क्षमता है।

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 वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत के योगदान के बारे में बात करते हुए, उन्होंने उल्लेख किया कि कैसे भारत हमेशा कोविड की  स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक दवाओं के साथ अन्य देशों की मदद करने में सबसे आगे रहा है। भारत में कोवैक्सिन उत्पादन की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए  केंद्रीय मंत्री ने कहा  कि भारत बायोटेक ने पहले ही अपने हैदराबाद, मलूर, बेंगलुरु और पुणे परिसरों में कई उत्पादन लाइनें तैनात कर दी हैं, और  अब चिरोन बेहरिंग, अंकलेश्वर को इनके साथ जोड़ने से अब इसकी कोवैक्सिन उत्पादन क्षमता में और वृद्धि होगी।

वर्ष 2020 के दौरान निर्मित एक नई फाइलिंग सुविधा का उपयोग अब कोवैक्सिन के उत्पादन के लिए किया जा रहा है। इस टीके का उत्पादन इसी वर्ष जून की शुरुआत में किया गया था।  इससे पहले टीम ने सुविधा में उपकरणों  की कार्यक्षमता का अध्ययन करने के लिए इंजीनियरिंग बैचों को काम पर लगाया  था। उन्होंने आगे कहा कि अंकलेश्वर संयंत्र से निर्मित उत्पाद सितंबर 2021 से आपूर्ति के लिए उपलब्ध होंगे। 

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