Hijab controversy : इमरान के मंत्री ने ‘हिजाब’ को लेकर मोदी सरकार पर उगला जहर, हेमा मालिनी ने कही ये बात

Karnataka Hijab Controversy : जनवरी के आखिरी हफ्ते में उडुपी जिले में एक स्कूल में हिजाब लगाकर पहुंची छात्राओं को स्कूल में प्रवेश देने से मना कर दिया गया था। इसके बाद से मामला तूल पकड़ गया। राज्य सरकार ने भी कहा कि स्कूल में ड्रेस कोड लागू है, जबकि हिजाब ड्रेस का हिस्सा नहीं है। उधर, मुस्लिम छात्राएं सरकार के इस जवाब पर विरोध प्रदर्शन में जुट गईं। छात्राओं का कहना है कि वे बिना हिजाब के स्कूलों में पुरुषों के बीच असहज महसूस करती हैं।

नेशनल डेस्क। कर्नाटक में हिजाब (Karnataka Hojab Row) को लेकर मचे विवाद के बीच पाकिस्तानी इमरान खान (Pakistan) सरकार के एक मंत्री इस विवाद में कूद पड़े। बिन मांगी सलाह देते हुए मंत्री ने मोदी सरकार के खिलाफ जहर उगला है। इमरान सरकार में सूचना मंत्री फवाद चौधरी (Pakistan Minister Fawad Chaudhary) ने इस विवाद में कूदते हुए कहा कि मोदी के भारत में जो कुछ हो रहा है, वह डरावना है। फवाद ने कहा कि अस्थिर नेतृत्व में भारतीय समाज तेजी से पतन की ओर बढ़ रहा है।

स्कूल शिक्षा के लिए हैं, बाहर जो चाहे पहनें
इस बीच भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि स्कूल शिक्षा के लिए होते हैं, न कि धार्मिक मामलों के लिए। यूनिफॉर्म का सम्मान होना चाहिए। हेमा मालिनी ने कहा कि कहा कि स्कूल शिक्षा के लिए होते हैं। धार्मिक मामलों को वहां नहीं ले जाना चाहिए। हर स्कूल की एक यूनिफॉर्म होती है, जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आप स्कूल के बाहर जो चाहे वह पहन सकते हैं। इसमें किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। 

क्या कहा था फवाद चौधरी ने 
पाकिस्तान के मंत्री ने ट्विटर पर लिखा थ्ज्ञा - मोदी के भारत में जो हो रहा है वह डरावना है। अस्थिर नेतृत्व में भारतीय समाज तेजी से पतन की ओर बढ़ रहा है। किसी भी अन्य ड्रेस की तरह हिजाब पहनना भी व्यक्तिगत पसंद का मामला है। नागरिकों को स्वतंत्र रूप से अपने फैसले लेने का अधिकार दिया जाना चाहिए। अल्लाह हु अकबर।  

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नकवी बोले- अनुशासन को सांप्रदायिक रंग देना साजिश 
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि किसी भी संस्थान के ड्रेस कोड, अनुशासन और गरिमा बनाए रखने संबंधी निर्णय को सांप्रदायिक रंग देना संस्कृति के खिलाफ साजिश है। देश के सभी संस्थानों-सुविधाओं पर अल्पसंख्यक समाज का बराबरी का अधिकार है।
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क्या है मामला 
जनवरी के आखिरी हफ्ते में उडुपी जिले में एक स्कूल में हिजाब लगाकर पहुंची छात्राओं को स्कूल में प्रवेश देने से मना कर दिया गया था। इसके बाद से मामला तूल पकड़ गया। राज्य सरकार ने भी कहा कि स्कूल में ड्रेस कोड लागू है, जबकि हिजाब ड्रेस का हिस्सा नहीं है। उधर, मुस्लिम छात्राएं सरकार के इस जवाब पर विरोध प्रदर्शन में जुट गईं। छात्राओं का कहना है कि वे बिना हिजाब के स्कूलों में पुरुषों के बीच असहज महसूस करती हैं। मामला हाईकोर्ट में है। इस बीच मंगलवार को राज्य के कई हिस्सों में छात्राओं ने प्रदर्शन किया। इनके विरोध में कुछ हिंदू छात्र सामने आ गए और हिजाब के विरोध में भगवा गमछा पहनकर प्रदर्शन किया। 

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