Hijab Controversy: कर्नाटक के मुस्लिम संगठन ऐसे कॉलेज खोलने की तैयारी में, जहां हिजाब पर बैन नहीं होगा

कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद (Hijab Controversy) शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। इस विवाद को एक नई मांग ने और हवा दे दी है। कर्नाटक में कुछ मुस्लिम संगठनों ने 13 नए निजी कॉलेज खोलने के आवेदन दिए हैं। ये ऐसे कॉलज होंगे, जहां हिजाब पर बैन नहीं होगा।

Amitabh Budholiya | Published : Jul 28, 2022 1:46 AM IST / Updated: Jul 28 2022, 07:19 AM IST

बेंगलुरु. कुछ मुस्लिम संगठनों ने हिजाब विवाद (Hijab Controversy) को एक नया रंग देने की कोशिश की है। इन संगठनों ने कर्नाटक के दक्षिणी जिलों में नए निजी कॉलेज खोलने की प्लानिंग की है। संगठनों की ओर से 13 नए निजी कॉलेज खोलने के लिए आवेदन दिया गया है। ये वो कॉलेज होंगे, जहां छात्राओं के हिजाब पर कोई पाबंदी नहीं होगी। हैरानी वाली बात यह है कि प्राइवेट कॉलेज खोलने के लिए इतनी बड़ी संख्या में आवेदन पहले कभी किसी मुस्लिम संगठन ने नहीं दिए हैं। बीते 5 सालों तो एक भी आवेदन नहीं दिया गया था।कर्नाटक में अगले साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में हिजाब विवाद को राजनीति रंग देने की कोशिश की जा रही है।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब पहनकर क्लास में जाने को नहीं दी थी अनुमति
कर्नाटक के सभी सरकारी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस में छात्राओं के हिजाब पहनने पर बैन है। करीब तीन महीने से लंबे समय तक चले हिजाब विवाद पर 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय बेंच ने साफ कहा कि हिजाब इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा नहीं है और स्कूल-कॉलेज में हिजाब पहनने की इजाजत देने से मना कर दिया था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में चुनौती दी गई है। हालांकि अभी इस पर सुनवाई नहीं हुई है। CJI एन वी रमन्ना(CJI NV Ramana) ने मामले को स्वीकार करते हुए कहा था कि जल्द इस मामले में सुनवाई होगी। हालांकि तारीख अभी तय नहीं है।

एग्जाम के दौरान धार्मिक प्रतीक पहनने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया था ये फैसला
दिल्ली में DSSSB द्वारा आयोजित पीजीटी-इकोनॉमिक (महिला) एग्जाम-2021 में कृपाण और कारा(कड़ा) पहनकर पहुंची एक अमृतधारी सिख लड़की को एंट्री नहीं देने के मामले को पिछले दिनों हुई सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। 17 जुलाई,2021 को हुए एग्जाम देने से वंचित रही लड़की यह मामला कोर्ट तक लेकर गई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को इस मामले में अपना आदेश सुनाया। इस मामले के बाद हिजाब को लेकर भी मांग बुलंद होने लगी है। क्लिक करके पढ़ें पूरा मामला

दुनिया में हिजाब को लेकर स्थिति
हिजाब को लेकर यूरोपियन सोशियोलॉजिकल रिव्यू(European Sociological Review) में छपी एक स्टडी में रिसर्चर्स ने एक फील्ड एक्सपेरिमेंट किया। इससे पता चला कि हिजाब पहनकर अपनी पहचान छुपाने वालीं मुस्लिम महिलाओं को नीदरलैंड और जर्मनी में नौकरी की तलाश में क्लाइंट और कस्टमर्स के बीच सार्वजनिक कमेंट्स झेलने पड़ते हैं। जो महिलाएं हिजाब पहने फोटो आवेदन में लगाती हैं, उन्हें जॉब नहीं मिलती। क्लिक करके पढ़ें पूरी डिटेल्स

हिजाब को लेकर हिंसा भी
बंगाल में हिजाब से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आ चुका है। यहां टीचर ने क्लास से बाहर घूम रही मुस्लिम छात्रा को डांटते हुए का खींच दिया था। इससे उसका हिजाब सरक गया। इस मामले ने इतना बवाल कर दिया कि मुस्लिम समुदाय ने स्कूल में घुसकर टीचर से दुर्व्यवहार कर दिया। टीचर के साथ दुर्व्यवहार की यह घटना 21 जुलाई को हुई थी। लेकिन इस मामले में पुलिस द्वारा कोई कड़ा एक्शन नहीं लिए जाने पर लोग आक्रोशित हो गए और प्रदर्शन किया। क्लिक करके पूरी डिटेल्स

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