हिजाब विवाद: कर्नाटक कांग्रेस नेता जमीर अहमद का शॉकिंग बयान-'हिजाब नहीं पहनने पर होता है रेप'

Published : Feb 14, 2022, 09:38 AM ISTUpdated : Feb 14, 2022, 09:43 AM IST
हिजाब विवाद: कर्नाटक कांग्रेस नेता जमीर अहमद का शॉकिंग बयान-'हिजाब नहीं पहनने पर होता है रेप'

सार

कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर बैन करने का मामला देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें नेताओं के बयानों ने 'आग में घी' डालने वाला काम किया है। इस बीच कर्नाटक कांग्रेस के नेता जमीर अहमद के एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं हिजाब नहीं पहनतीं, उनका रेप हो जाता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस्लाम में हिजाब का मतलब पर्दा होता है।

बेंगलुरु, कर्नाटक. कर्नाटक के स्कूलों में हिजाब पर बैन करने का मामला देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसमें नेताओं के बयानों ने 'आग में घी' डालने वाला काम किया है। इस बीच कर्नाटक कांग्रेस के नेता जमीर अहमद के एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जो महिलाएं हिजाब नहीं पहनतीं, उनका रेप हो जाता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस्लाम में हिजाब का मतलब पर्दा होता है।

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कांग्रेस नेता ने यह दिया तर्क
कांग्रेस नेता जहीर अहमद ने तर्क दिया कि भारत में रेप की दर सबसे अधिक है। हिजाब लड़कियों की खूबसूरती छुपाने के लिए होता है। जमीर अहमद केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के बयान पर पलटवार कर रहे थे, जिसमें कहा गया कि हिजाब इस्लाम में जरूरी नहीं है। आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने शनिवार को कहा कि हिजाब इस्लाम का एक अनिवार्य हिस्सा नहीं है, जैसे कि पगड़ी सिख धर्म के लिए है। इसके आसपास का विवाद एक साजिश का हिस्सा है ताकि मुस्लिम लड़कियों को आगे बढ़ने से रोका जा सके। राज्यपाल ने छात्रों से अपनी कक्षाओं में लौटने और पढ़ाई आगे बढ़ाने का आग्रह किया।

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हिजाब मुद्दे पर लगातार पॉलिटिक्स हो रही है
Karnataka Hijab row : देशभर में हिजाब का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी से लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला तक इस मामले को लेकर मोदी सरकार को घेर रहे हैं। मामला कर्नाटक हाईकोर्ट में  है। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने पुलवामा में कहा कि मुल्क हर एक के लिए बराबर है। आपको हक है कि आप क्या पहनना, क्या खाना और कैसे रहना चाहता हैं, सबका अपना मजहब है। मजहब पर जो हमला किया जा रहा है ये कुछ कट्टरपंथी हैं। वे जो चाहते हैं कि ये करके वे चुनाव जीत जाएं।

पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे डर है कि भाजपा हिजाब पर नहीं रुकेगी। वे मुसलमानों की अन्य निशानियों को भी मिटाना चाहते हैं। भारतीय मुसलमानों के लिए सिर्फ भारतीय होना ही काफी नहीं है, उन्हें भाजपाई होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक मामला है, लेकिन वे (भाजपा) इसे एक सामुदायिक मामला बनाना चाहते हैं। अनुच्छेद 370 हटने से ये मसला सुधरा नहीं बल्कि और उलझ गया है। जम्मू-कश्मीर में जितना खून बहता है, भाजपा को उतना फायदा होता है। 

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कर्नाटक के मंत्री बोले-विवाद के पीछे कांग्रेस का हाथ
कर्नाटक के राजस्व मंत्र आर. अशोक(R. Ashoka) ने इसके पीछ कांग्रेस की राजनीति बताई है। उधर, पुडुचेरी के अरियानकुप्पम स्थित एक सरकारी स्कूल में छात्रा को कथित तौर पर स्कार्फ हटाने को कहे जाने पर विवाद हो गया। उन्होंने कहा सरकार हिजाब या केसरिया के पक्ष में नहीं है। स्टूडेंट्स गलियों में जो चाहें पहनें, लेकिन स्कूलों में ड्रेस कोड अनिवार्य है। स्टूडेंट्स की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल और कॉलेज को बंद किया है। इस राजनीति के पीछे कांग्रेस का हाथ है। बता दें कि इस मामले को प्रियंका गांधी के tweet ने और हवा दे दी है। 

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ऐसे शुरू हुआ विवाद
कर्नाटक के कई कॉलेजों में हिजाब पहनकर आने वालीं लड़कियों को कॉलेज में एंट्री नहीं दी जा रही है। वहीं, हिजाब के जवाब में हिंदू लड़कियां केसरिया दुपट्टा पहनकर आने लगी हैं। विवाद की शुरुआत उडुपी के एक कॉलेज से हुई थी, जहां जनवरी में हिजाब पर बैन लगा दिया था। इस मामले के बाद उडुपी के ही भंडारकर कॉलेज में भी ऐसा ही किया गया। अब यह बैन शिवमोगा जिले के भद्रवती कॉलेज से लेकर तमाम कॉलेज तक फैल गया है। इस मामले को लेकर रेशम फारूक नाम की एक छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट याचिका दायर की है। इसमें कहा गया कि हिजाब पहनने की अनुमति न देना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मौलिक अधिकारों का हनन है। गुरुवार को भंडारकर कॉलेज में हिजाब पहनी छात्राओं को कॉलेज के प्रिंसिपल ने अंदर नहीं आने दिया था। उनका तर्क था कि शासन के आदेश व कालेज के दिशा-निर्देशों के अनुसार उन्हें कक्षाओं में यूनिफॉर्म में आना होगा। जबकि छात्राओं का तर्क था कि वे लंबे समय से हिजाब पहनकर ही कॉलेज आती रही हैं।

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