हिमाचल में बाढ़ और भूस्खलन का कहर जारी, अब तक 320 लोगों की मौत, 838 सड़कें हुई बंद

Published : Aug 31, 2025, 07:37 AM IST
Himanchal Flood And Landslide

सार

Himanchal Pradesh Landslide: शिमला में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से हिमाचल प्रदेश की हालत गंभीर है। जो बारिश पहले राहत की वजह थी, अब लोगों के लिए आफत बन गई है। 20 जून से मानसून शुरू होने के बाद अब तक 320 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

Himanchal Pradesh Flood: हिमाचल प्रदेश में नदियां उफान पर हैं और लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। प्रदेश की सड़कें बुरी तरह प्रभावित हैं और मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारी बारिश के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।  हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, 20 जून से मानसून शुरू होने के बाद अब तक 320 लोग जान गंवा चुके हैं। इनमें से 166 मौतें भूस्खलन, अचानक बाढ़ और बिजली गिरने जैसी घटनाओं के कारण हुई हैं, जबकि 154 मौतें सड़क दुर्घटनाओं में हुई हैं।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने किया हवाई सर्वेक्षण

प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई सेवाओं में बड़ी परेशानियां आई हैं। प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम राहत और बचाव के काम में लगातार जुटी हुई है। 30 अगस्त 2025 शाम 6 बजे तक प्रदेश में कुल 839 सड़कें, 728 बिजली ट्रांसफार्मर और 456 जलापूर्ति योजनाएँ बंद थीं। बारिश और भूस्खलन के कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चंबा जिले के भूस्खलन प्रभावित भरमौर और कांगड़ा जिले के बाढ़ प्रभावित इंदौरा व फतेहपुर क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और पुलिस व प्रशासन ने पैदल जाने वाले युवाओं की यात्रा को आसान बनाया है।

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सड़कें जल्द से जल्द खोलने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कें जल्द से जल्द खोलने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण इसमें बाधा आ रही है। जरूरत पड़ने पर तीर्थयात्रियों को छोटे हेलीकॉप्टर से हवाई मार्ग से भी ले जाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि 2023 की बाढ़ की तुलना में इस बार जान-माल का नुकसान कम हुआ है। एसईओसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि नुकसान हुई जगहों को ठीक करने का काम चल रहा है, लेकिन लगातार बारिश और मुश्किल इलाके की वजह से यह काम आसान नहीं है।

 

 

 

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