
शिमला. मुफ्त बिजली जैसी कई लोकप्रिय योजनाओं के बाद भारी आर्थिक संकट में फंसी हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार अब अपने ही होटलों का बिजली बिल चुकाने में भी असमर्थ है।
इसलिए, राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थित 18 सरकारी होटलों को बंद करने का आदेश राज्य उच्च न्यायालय ने दिया है। इसके अलावा, बिजली बिल की बकाया राशि वसूलने के लिए एक होटल को जब्त करने का भी निर्देश दिया गया है।
मामले की पृष्ठभूमि
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास विभाग कई होटलों का संचालन करता है और 150 करोड़ रुपये का बिजली बिल चुकाने में विफल रहा है। इस पृष्ठभूमि में, उच्च न्यायालय ने दिल्ली में स्थित हिमाचल भवन होटल को जब्त करने और उसे बेचने की अनुमति दी है।
साथ ही, पर्यटन विभाग के अधिकांश होटल बिना रखरखाव के घाटे में चल रहे हैं। वे सभी सफेद हाथी बन गए हैं। जनता के कर के पैसे को इस तरह बर्बाद होने देना सही नहीं है। इसलिए, उच्च न्यायालय ने विभाग के 18 होटलों को 25 नवंबर तक बंद करने का निर्देश दिया है।
आर्थिक संकट:
कई मुफ्त योजनाओं के लागू होने के परिणामस्वरूप हिमाचल सरकार का कर्ज 95000 करोड़ रुपये को पार कर गया है। इसलिए, सरकारी कर्मचारियों, पेंशनभोगियों के वेतन भुगतान में बार-बार देरी हो रही है। इसलिए, वेतन, पेंशन भुगतान की तारीख बदल दी गई है। साथ ही, कुछ महीने पहले मुख्यमंत्री, मंत्रियों के वेतन भुगतान को भी टाल दिया गया था। दलबदल कानून के तहत बर्खास्त विधायकों की पेंशन को भी सरकार ने रोक दिया था। इसके अलावा, मुफ्त बिजली की मात्रा में भी कटौती की गई थी।