भाजपा की जीत कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग और ड्रॉ का परिणाम थी जो उसके पक्ष में गया। कांग्रेस की प्रतिष्ठा के लिए ये परिणाम काफी शर्मनाक की बात है।
हिमाचल प्रदेश। संसद के उच्च सदन राज्यसभा सीटों के नतीजे कल 27 फरवरी को सामने आए, जहां कांग्रेस को आश्चर्यजनक रूप से उलटफेर का सामना करना पड़ा। भाजपा ने हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट पर अपने उम्मीदवार हर्ष महाजन को जीतने में कामयाब रही। यहां भाजपा 68 सदस्यीय विधानसभा में केवल 25 विधायक होने के बावजूद जीत हासिल करने में कामयाब रही।
भाजपा की जीत कांग्रेस विधायकों की क्रॉस वोटिंग और ड्रॉ का परिणाम थी जो उसके पक्ष में गया। कांग्रेस की प्रतिष्ठा के लिए ये परिणाम काफी शर्मनाक की बात है। इसकी पीछे की वजह ये है कि आज यानी बुधवार (28 फरवरी) को हिमाचल विधानसभा में बजट पारित होने वाले हैं। इस दौरान उन्हें फ्लोर टेस्ट का सामना करना पड़ सकता है, जिससे हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार खतरे में पड़ सकती है। कांग्रेस को डर है कि लोकसभा चुनाव के चंद महीने पहले इस तरह की स्थिति उसके लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकती है।
हिमाचल प्रदेश में नतीजे आने के बाद विपक्षी दल बीजेपी ने मंगलवार शाम हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से राज्य के बजट को पारित करने के लिए मत विभाजन की मांग की। अगर विधानसभा अध्यक्ष ऐसी अनुमति दे देते हैं तो वोटों का विभाजन प्रत्येक पार्टी का वास्तविक समर्थन स्थापित करेगा।
इस स्थिति में अगर कांग्रेस सरकार बजट पारित कराने में विफल रहती है तो ये खुद-ब-खुद साबित हो जाएगा कि उसके पास सदन में बहुमत नहीं है। वहीं आज बुधवार (28 फरवरी) को इस मुद्दे पर बात करने के लिए बीजेपी विधायक सुबह 7.30 बजे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से भी मुलाकात करने वाले हैं।
सुक्खू सरकार के लिए विधानसभा में बहुमत खोने का खतरा
विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन की जीत की घोषणा करते हुए कहा, ''इतना भारी बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव हार गई है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत जे.पी.नड्डा और (गृह मंत्री) अमित शाह को बधाई देना चाहता हूं। हमने ये जीत तब हासिल की जब हमारी संभावनाएं बहुत कम लग रही थीं।'' विधानसभा में कांग्रेस के 40 विधायक हैं।
उसके उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के आसानी से जीतने की उम्मीद थी। एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए मंगलवार को हुए मतदान के दौरान छह कांग्रेस विधायकों और सरकार का समर्थन करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों ने कथित तौर पर भाजपा उम्मीदवार के लिए मतदान किया। इससे पहले हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि सुक्खू सरकार ने विधानसभा में बहुमत खो दिया है।
हालांकि, सूत्रों ने NDTV को बताया है कि भाजपा गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। उनके दावों को तब बल मिला जब मुख्यमंत्री सुक्खू ने वोटों की गिनती के दौरान आरोप लगाया कि पांच से छह कांग्रेस विधायकों को भाजपा शासित हरियाणा में ले जाया गया है।