सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: लिव इन रिलेशन में जन्मे बच्चे का भी पिता की प्रॉपर्टी पर पूरा अधिकार है

सुप्रीम कोर्ट ने 14 जून को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। SC ने कहा है कि बिना शादी(live in relationship) के पैदा हुए बच्चों को भी पिता की प्रॉपर्टी मे हिस्सा लेने का अधिकार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि अगर कपल लंबे समय तक साथ रहे हैं, तो इस रिश्ते से जन्मे बच्चे का पूरा है कि वो उनकी प्रॉपर्टी पर अपना हक जता सके।

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशन(live in relationship) से जन्मे बच्चे के भविष्य लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। SC ने कहा है कि बिना शादी(live in relationship) के पैदा हुए बच्चों को भी पिता की प्रॉपर्टी मे हिस्सा लेने का अधिकार होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि अगर कपल लंबे समय तक साथ रहे हैं, तो इस रिश्ते से जन्मे बच्चे का पूरा है कि वो उनकी प्रॉपर्टी पर अपना हक जता सके।

सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के फैसले को पलट
सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट के एक फैसले को पलटते हुए यह फैसला सुनाया। केरल हाईकोर्ट ने एक बच्चे को इसलिए उसके पिता की प्रॉपर्टी पर जताए हक से वंचित कर दिया था, क्योंकि उसके पिता और मां ने शादी नहीं की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बेशक बच्चे के माता-पिता ने मैरिज न की हो, लेकिन वे लंबे समय तक पति-पत्नी की तरह साथ रहे हैं। ऐसे में अगर DNA से साबित होता है कि बच्चा उन्हीं का है, तो उसका पिता की प्रॉपर्टी पर अधिकार बनता है।

Latest Videos

हुआ यूं था कि केरल निवासी एक शख्स ने अपने पिता की प्रॉपर्टी पर हक जताया था। पिता ने जब प्रॉपर्टी का बंटवारा किया, तो उसे इससे वंचित रखा था। यह मामला केरल हाईकोर्ट पहुंचा था। शख्स ने तर्क दिया कि उसे नाजायज संतान बताकर प्रॉपर्टी के हक से बेदखल कर दिया गया। लेकिन केरल हाईकोर्ट ने उसके खिलाफ फैसला सुनाते हुए कहा कि वो जिस आदमी की प्रॉपर्टी पर अपना अधिकार जता रहा है, उसकी शादी नहीं हुई थी। इसलिए वो प्रॉपर्टी पर हक नहीं रखता।

2010 में लिव इन रिलेशनशिप को सुप्रीम कोर्ट ने मान्यता दी थी
यह 2010 की बात है, जब सुप्रीम कोर्ट ने लिव इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 की धारा 2 (एफ) से भी जुड़वाया था। दरअसल, इससे पहले लिव इन में घरेलू हिंसा के काफी मामले आते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब इसे लेकर FIR दर्ज कराई जा सकती है। लिव इन रिलेशन के लिए कपल को पति-पत्नी की तरह साथ रहना होगा, हालांकि इसके लिए कोई टाइमिंग फिक्स नहीं है कि कितने साल या महीने।

नारायण दत्त तिवारी और रोहित शेखर का मामला चर्चित हुआ था
ऐसा ही देश का सबसे चर्चित मामला नारायण दत्त तिवारी और रोहित शेखर के बीच सामने आया था। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत कांग्रेस नेता नारायण दत्त तिवारी का कांग्रेस नेत्री उज्ज्वला शर्मा से रिलेशन था। रोहित शेखर इन्हीं के रिलेशन से जन्मे थे। रोहित ने तिवारी की प्रॉपर्टी पर हक जताया था। लेकिन नारायण दत्त तिवारी ने कोर्ट में इस रिश्ते को ही नकार दिया था। बाद सुप्रीम कोर्ट ने DNA टेस्ट कराया, तो साबित हुआ कि रोहित शेखर ने सच कहा। वो नारायण दत्त तिवारी का ही बेटा है। कोर्ट के आदेश के बाद नारायण दत्त तिवारी ने रोहित और उज्ज्वला को अपना लिया था। यह मामला देश की सुर्खियों में रहा था।

यह भी पढ़ें
Agneepath Scheme: भारत में जॉब का पिटारा खुला, तीनों सेनाओं में 4 साल के लिए 'अग्निवीरों' की भर्ती का ऐलान
प्रभु सातों जन्म में भी ऐसी पत्नी ना मिले...पीपल देवता की 108 बार उल्टी परिक्रमा कर पतियों ने मांगी यह दुआ

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Nagpur Poha Shop पर पहुंचे Rahul Gandhi, फिर खुद भी किया ट्राई | Maharashtra Election 2024
भारत की इस हाइपरसोनिक मिसाइल से कापेंगे चीन और पाकिस्तान, जानें क्या है इसमें खास
मंत्री कैलाश गहलोत ने छोड़ी आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल को लिखी चिट्ठी भी आई सामने
देश संविधान से चलना चाहिए और PM मोदी कहते हैं कि संविधान एक खोखली किताब है: राहुल गांधी
Astro Tips: धन लाभ के लिए घर में रोज कहां लगाएं 1 दीपक?