पूर्वोत्तर परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह में बोले गृह मंत्री, अफस्पा हटाने के लिए भारत सरकार कर रही पहल

गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वोत्तर परिषद के स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि पूर्वोत्तर शांति और विकास की राह पर चल रहा है। सुरक्षाकर्मियों पर हमलों की घटनाओं में 60% की कमी आई है। हिंसा में नागरिकों की मौत 89% कम हुई है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 18, 2022 9:11 AM IST / Updated: Dec 18 2022, 02:43 PM IST

शिलांग। मेघालय की राजधानी शिलांग में आयोजित पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) के स्वर्ण जयंती समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए। अमित शाह ने समारोह में कहा कि पूर्वोत्तर शांति और विकास की राह पर चल रहा है। भारत सरकार अफस्पा हटाने के लिए पहल कर रही है।

गृह मंत्री ने कहा कि पहले पूर्वोत्तर के लिए बजट आवंटित किया गया था, लेकिन पैसे खर्च नहीं होते थे। विकास के मामले में पूर्वोत्तर काफी पीछे छूट गया था। पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद यह स्थिति बदली है। आज बजट का पैसा गांवों तक पहुंचा है। विकास के काम हुए हैं। आज हर तरफ बदलाव दिख रहा है। 

उग्रवाद की घटनाओं में हुई 74% कमी
अमित शाह ने कहा कि पहले पूरा पूर्वोत्तर शटडाउन, हड़ताल, बम विस्फोट और गोलीबारी के लिए जाना जाता था। विभिन्न संगठनों के उग्रवादियों ने पूर्वोत्तर के लोगों का जीवन प्रभावित किया। इसके चलते पर्यटन और स्थानीय उद्योग नहीं बढ़े। 8 वर्षों के भीतर उग्रवाद की घटनाओं में 74% की गिरावट देखी गई है।

गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों पर हमलों की घटनाओं में 60% की कमी आई है। हिंसा में नागरिकों की मौत 89% कम हुई है। लगभग 8,000 युवाओं ने आत्मसमर्पण किया है। वे मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं। जब तक शांति नहीं होती तब तक विकास संभव नहीं है। 2019 में NLFT से समझौता हुआ। 2020 में बोडो समझौता हुआ। कारमी समझौता 2021 में हुआ। असम-मेघालय और असम-अरुणाचल प्रदेश के बीच सीमा विवाद भी बहुत बड़ी मात्रा में समाप्त हुए हैं। 

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शांति और विकास की राह पर चल रहा पूर्वोत्तर
अमित शाह ने कहा, "अगर आप 8 साल पहले के पूर्वोत्तर और आज के पूर्वोत्तर की तुलना करें तो आप पाएंगे कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पूर्वोत्तर शांति और विकास की राह पर चल रहा है। पहले अफस्पा हटाने के लिए बहुत मांग की जाती थी। अब किसी को डिमांड नहीं करनी पड़ती है। भारत सरकार दो कदम आगे बढ़कर अफस्पा हटाने के लिए पहल कर रही है। असम के 60 फीसदी क्षेत्र अफस्पा मुक्त हुए हैं। मनिपुर के 6 जिलों के 15 थानों को अफस्पा से बाहर कर दिया गया है। अरुणाचल में एक ही जिला बाकी बचा है। नागालैंड में सात जिले मुक्त हो गए हैं। त्रिपुरा और मेघालय अफस्पा से पूरी तरह मुक्त हो गए हैं।"

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