सार

युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) रविवार को नौसेना में शामिल हो गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसे नौसेना में शामिल किया गया। इसके लिए मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में कार्यक्रम आयोजित किया गया।

नई दिल्ली। युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ (INS Mormugao) रविवार को नौसेना में शामिल हो गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसे नौसेना में शामिल किया गया। इसके लिए मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में कार्यक्रम आयोजित किया गया। आईएनएस मोरमुगाओ के कमीशनिंग समारोह में सीडीएस जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, गोवा के राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लई और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी शामिल हुए।

आईएनएस मोरमुगाओ को स्टील्थ फीचर से लैस किया गया है। इसके चलते इस युद्धपोत को रडार से देख पाना मुश्किल है। ब्रह्मोस मिसाइल इसका मुख्य हथियार है। यह मिसाइल अपने टारगेट पर अचूक वार करता है। हवाई हमला होने की स्थिति बचाव के लिए युद्धपोत को बराक 8 मिसाइल से लैस किया गया है। आईएनएस मोरमुगाओ भारत में बना गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है।

मिसाइल डिस्ट्रॉयर ऐसे युद्धपोत को कहते हैं जिसका मुख्य हथियार गाइडेड मिसाइल (क्रूज मिसाइल) हो। भारतीय नौसेना के अनुसार यह युद्धपोत अत्याधुनिक सेंसर, रडार और सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है। युद्धपोत का डिस्प्लेसमेंट 7,400 टन है। यह 163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा है। यह भारत में बने सबसे शक्तिशाली युद्धपोतों में से एक है।

55.56 किलोमीटर प्रतिघंटा है अधिकतम रफ्तार
युद्धपोत का नामकरण गोवा के ऐतिहासिक बंदरगाह शहर मोरमुगाओ के नाम पर किया गया है। INS मोरमुगाओ चार 'विशाखापत्तनम' क्लास के डिस्ट्रॉयरों में से दूसरा है। इसे स्वदेशी रूप से भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिजाइन किया गया है। इसका निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा किया गया है। जहाज में चार शक्तिशाली गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं। इसकी अधिकतम रफ्तार 55.56 किलोमीटर प्रतिघंटा है। नौसेना ने कहा कि यह जहाज परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध की स्थिति में भी काम करेगा। यह पानी के अंदर छिपी पनडुब्बियों को भी खोजकर उसे नष्ट कर सकता है। इसमें स्वदेशी रॉकेट लॉन्चर और टारपीडो लॉन्चर लगे हैं।

भारत बढ़ा रहा नौसेना की ताकत
गौरतलब है कि हिंद महासागर में चीनी नौसेना की एक्टिविटी बढ़ी है। इसे देखते हुए भारत अपनी नौसेना की ताकत बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है। इसके साथ ही नौसेना को आत्मनिर्भर बनाने पर भी फोकस किया जा रहा है। नौसेना ने कहा है कि आईएनएस मोरमुगाओ का लगभग 75 फीसदी हिस्सा स्वदेशी है। सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, टारपीडो ट्यूब और लॉन्चर, पनडुब्बी रोधी रॉकेट लॉन्चर और सुपर रैपिड गन माउंट स्वदेशी हैं। 

यह भी पढ़ें- 7,000 km से भी अधिक दूर तक मार कर सकता है Agni-V, घटाना होगा 20% वजन, यह है उपाय

नौसेना ने कहा कि स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता पर ध्यान दिया जा रहा है। नौसेना के लिए बनाए जा रहे 44 में से 42 युद्धपोतों का निर्माण भारत में हो रहा है। इसके साथ ही कई पनडुब्बियों को भी बनाया जा रहा है। इसके अलावा 55 जहाजों और पनडुब्बियों के लिए एओएन (Acceptance of Necessity) दी गई है। सभी जहाज और पनडुब्बियों का निर्माण भारतीय शिपयार्ड में होगा।

यह भी पढ़ें- देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपी PFI मेंबर्स के खिलाफ चार्जशीट के लिए स्पेशल कोर्ट ने दी 30 दिन की मोहलत