सुप्रीम कोर्ट में गृह सचिव ने दायर किया हलफनामा: मणिपुर केस CBI के हवाले, राज्य के बाहर ट्रॉयल की मांग

सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा था कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो वह कठोर कार्रवाई को बाध्य होगा। कोर्ट ने सरकार को 28 जुलाई तक कार्रवाई का मौका दिया था।

Manipur Women Nude parade viral video case: मणिपुर हिंसा मामले की सुनवाई को राज्य से बाहर ट्रांसफर करने का अनुरोध केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से किया है। केंद्र ने एपेक्स कोर्ट से अनुरोध किया है कि गैंगरेप सहित मणिपुर हिंसा के सभी मामलों को छह महीना में सुनवाई पूरी करने का भी आदेश दिया जाए। उधर, केंद्र सरकार की ओर से गृह सचिव अजय भल्ला ने एफिडेविट देकर कोर्ट को यह संदेश देने की कोशिश की है कि केंद्र सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही। दरअसल, मणिपुर में दो महिलाओं के न्यूड परेड और यौन अत्याचार का वीडियो सामने आने के बाद पूरा देश आक्रोशित हो उठा था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा था कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो वह कठोर कार्रवाई को बाध्य होगा। कोर्ट ने सरकार को 28 जुलाई तक कार्रवाई का मौका दिया था। हालांकि, कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो गया।

कोर्ट की सुनवाई के पहले सीबीआई को भी सौंपा जांच

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मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष लगातार हमलावार है। इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए संसद का मानसून सत्र लगातार हंगामा और नारेबाजी की भेंट चढ़ गया। केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक मणिपुर हिंसा पर बैकफुट पर है। कोर्ट की सख्ती और विपक्षी हमले के बाद राज्य सरकार ने 26 जुलाई को सीबीआई से मामले की जांच कराने की सिफारिश की थी। अगले दिन गृह मंत्रालय ने एन.बीरेन सिंह सरकार के अनुरोध को मानते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।

गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों को बहुत जघन्य मानती है जिन्हें न केवल उतनी गंभीरता से लिया जाना चाहिए बल्कि न्याय भी होना चाहिए, ताकि अपराधों के संबंध में पूरे देश में इसका निवारक प्रभाव पड़े। । यही एक कारण है कि केंद्र सरकार ने (राज्य सरकार की सहमति से) जांच एक स्वतंत्र जांच एजेंसी यानी सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है। .

पुलिस सात लोगों को कर चुकी है अरेस्ट

मणिपुर में दो महिलाओं के न्यूड परेड व गैंगरेप मामले में सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारियां तब शुरू हुई जब पूरे देश में आक्रोश फैल गया और सुप्रीम कोर्ट ने स्वत:संज्ञान में लेकर हस्तक्षेप किया।

कोर्ट नहीं कर सकता 28 जुलाई को सुनवाई

मणिपुर में महिलाओं के न्यूड परेड कराए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट 28 जुलाई को सुनवाई करने वाला था लेकिन सीजेआई के उपलब्ध नहीं होने से सुनवाई नहीं हो सकी। एपेक्स कोर्ट ने राज्य में महिलाओं के साथ गैंगरेप और न्यूड परेड का स्वत: संज्ञान लिया था जब महिलाओं को नग्न घुमाने और उनके साथ मारपीट करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। संसद के मानसून सत्र के पहले आए इस वीडियो से सदन में भी हंगामा खड़ा कर दिया है। विपक्ष लगातार पीएम नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहा।

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