राज्यसभा में पक्ष-विपक्ष की नारेबाजी के बीच नहीं बोल सके विदेश मंत्री: 21 मिनट का बयान जारी कर एस.जयशंकर ने रखी अपनी बात

जयशंकर ने कहा कि विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में मेरे बयान को बार-बार बाधित किया। उनके लिए राष्ट्रीय प्रगति से ज्यादा महत्वपूर्ण पक्षपातपूर्ण राजनीति थी।

 

Dheerendra Gopal | Published : Jul 28, 2023 12:35 PM IST / Updated: Jul 28 2023, 06:21 PM IST

Parliament Mansoon session: संसद का मानसून सत्र मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग और पीएम मोदी के सदन में बयान के लिए हंगामा की भेंट चढ़ जा रहा है। गुरुवार को विदेश मंत्री एस.जयशंकर राज्यसभा में विपक्षी सांसदों के विरोध के चलते बोल न सके। विदेश मंत्री एस.जयशंकर का भाषण बाधित होने के बाद शुक्रवार को उन्होंने पब्लिक डोमेन में विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने भारतीय विदेश नीति के हालिया घटनाक्रम पर 21 मिनट का बयान जारी किया। जयशंकर ने कहा कि विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में मेरे बयान को बार-बार बाधित किया। उनके लिए राष्ट्रीय प्रगति से ज्यादा महत्वपूर्ण पक्षपातपूर्ण राजनीति थी।

गुरुवार को जब जयशंकर राज्यसभा में बोल रहे थे तो एनडीए और भारत के सांसदों के बीच नारा युद्ध शुरू हो गया। एनडीए सांसद 'मोदी-मोदी' के नारे लगाने लगे तो विपक्षी सांसद इंडिया-इंडिया के नारे लगाने लगे। हंगामा के बीच जयशंकर ने कहा कि यदि आप I.N.D.I.A होने का दावा करते हैं और आप भारत के राष्ट्रीय हितों की बात सुनने के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप किस तरह के I.N.D.I.A हैं?

भारत न केवल अपने लिए बोलता बल्कि कई अन्य लोगों के लिए भी बोलता

प्रधानमंत्री की हाल की विदेश यात्राओं और विदेशों तक भारत की पहुंच और भारत के दृष्टिकोण के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन मुद्दों पर संसद में उस गंभीरता के साथ बहस करने की अनुमति नहीं दी गई जिसके वे हकदार हैं। ऐसे समय में जब अंतर्राष्ट्रीय मामले अभूतपूर्व और जटिल हो गए हैं, हमारी जन-केंद्रित विदेश नीति हमारे समाज की मांगों और आकांक्षाओं पर खरी उतर रही। आज दुनिया मानती है कि जब भारत बोलता है तो वह न केवल अपने लिए बोलता है, बल्कि कई अन्य लोगों के लिए भी बोलता है। भारत सभी के लिए शांति, सुरक्षा और समृद्धि की आवाज के रूप में बोलता है।

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