
Indian Prisoners Abroad 2025: रोजगार की तलाश में हजारों किलोमीटर दूर विदेश में गए भारतीयों में हजारों लोग किसी न किसी वजह से विभिन्न देशों की जेलों में बंद हैं। अजनबी देशों की जेलों में अपने देश की मिट्टी को याद करते हुए भारतीय नागरिक आज भी सजा काट रहे हैं। आंकड़ों पर अगर गौर करें तो दुनियाभर की जेलों में 10574 भारतीय कैद हैं। इनमें से 43 भारतीय ऐसे हैं जिन पर उन देशों की अदालतों ने मौत की सजा सुना दी है। विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह अहम जानकारी साझा की।
यह भी पढ़ें: बिहार में 70,000 करोड़ का घोटाला? CAG रिपोर्ट ने खोले सरकार के राज, नहीं है कोई ठोस जवाब!
राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में सबसे ज़्यादा 2,773 भारतीय नागरिक जेल में हैं। इसके बाद सऊदी अरब में 2,379 भारतीय और नेपाल की जेलों में 1,357 भारतीय कैदी हैं।
यूएई- 2773 भारतीय बंदी
सऊदी अरब- 2,379 बंदी
नेपाल - 1,357 बंदी
कतर- 795 बंदी
मलेशिया- 380
कुवैत - 342
यूके - 323
बहरीन - 261
पाकिस्तान - 246
चीन -183
कुछ देशों में सिर्फ एक-एक भारतीय कैदी हैं – जैसे कनाडा, बेल्जियम, दक्षिण अफ्रीका, इराक, सेशेल्स, मॉरीशस, यमन और अन्य। अन्य देशों में मिलाकर कुल 10,574 भारतीय विदेशी जेलों में हैं।
यह भी पढ़ें: यूपीए सरकार में क्यों नहीं कराया गया जातिगत जनगणना, राहुल गांधी ने बतायी वजह, रैली में कर दिया बड़ा ऐलान
सबसे गंभीर जानकारी ये रही कि 43 भारतीय नागरिक ऐसे हैं जिन्हें विभिन्न देशों में मौत की सज़ा सुनाई गई है। इनमें सबसे अधिक यूएई में 21 भारतीयों को मौत की सजा सुनाई गई है।
UAE में 21
सऊदी अरब में 7
चीन में 4
इंडोनेशिया में 3
कुवैत में 2
अमेरिका, पाकिस्तान, मलेशिया, ओमान, क़तर और यमन – इन सभी में 1-1 भारतीय फांसी की कतार में हैं।
संसद में भारत सरकार ने बताया कि कई देशों में गोपनीयता क़ानूनों के चलते कैदियों की पूरी जानकारी नहीं मिलती जब तक वे खुद अनुमति न दें। इसके बावजूद, भारतीय दूतावास और मिशन लगातार इन मामलों पर नज़र रख रहे हैं। Indian Community Welfare Fund (ICWF) के जरिए जरूरतमंद कैदियों को कानूनी और आर्थिक सहायता दी जा रही है। दूतावास काउंसलर एक्सेस, कानूनी मदद, और जल्द रिहाई या प्रत्यर्पण की दिशा में प्रयासरत हैं। द्विपक्षीय बातचीत, न्यायिक अपील और माफी की याचिकाएं भी दायर की जा रही हैं। भारत सरकार ने बताया कि जैसे-जैसे भारत का वैश्विक दायरा बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे सरकार का फोकस प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा, न्यायिक मदद और कानूनी हक़ों की रक्षा पर बढ़ रहा है। हर भारतीय, कहीं भी हो, अकेला नहीं है, इस सोच को लेकर सरकार आगे बढ़ रही है।
सरकार ने यह भी बताया कि श्रीलंका में 28 भारतीय मछुआरे बंद हैं, जिनमें से 27 तमिलनाडु और 1 पुडुचेरी का है। उनके लिए रिहाई और वतन वापसी की कोशिशें तेज़ कर दी गई हैं।