भारत में आतंकियों तक कैसे पहुंच रहे NATO के हथियार? सामने आ गया असली दुश्मन

Published : Sep 04, 2024, 09:05 PM ISTUpdated : Sep 05, 2024, 12:00 PM IST
NATO Arms

सार

पंजाब पुलिस ने NATO सेना के लिए बने पिस्टल जब्त किए हैं, जिससे पता चलता है कि ये हथियार अब भारत में अपराधियों के हाथों में पहुंच रहे हैं। ये हथियार अफगानिस्तान से होकर भारत आ रहे हैं। 

नई दिल्ली। पंजाब के शेरोन में पिछले दिनों चौकी पर तैनात पुलिस के जवानों ने एक संदिग्ध कार देखा। उन्होंने कार रोकने का इशारा किया, लेकिन ड्राइवर ने ऐसा करने की जगह भागना शुरू कर दिया। वह भाग नहीं सका और कार बैरिकेड्स से टकरा गई।

पुलिस ने पाया कि कार में हरप्रीत सिंह ऊर्फ हैप्पी और लवप्रीत सिंह हैं। दोनों के आपराधिक इतिहास हैं। तलाशी के दौरान कार से 4 ग्लॉक 19 पिस्टल बरामद किए गए। इसके साथ ही 7 जिंदा कारतूस और 4.8 लाख रुपए भी मिले।

NATO की सेना के लिए बने पिस्टल, पंजाब में जब्त

पंजाब जो पिस्टल जब्त किए गए वे NATO की सेना के लिए बनाए गए थे। पंजाब के डीजीपी ने जांच कराई तो पता चला कि हरप्रीत सिंह के संबंध पाकिस्तानी तस्करों से हैं। ये तस्कर ड्रोन की मदद से सीमा पार से हथियार और ड्रग्स भेजते हैं। हरप्रीत सिंह हथियारों को अपराधियों और आतंकियों तक पहुंचाता है। 

यह पहली घटना नहीं है जब पंजाब में अमेरिका और उसके मित्र देशों द्वारा बनाए गए हथियार अपराधियों से बरामद किए गए हैं। अमेरिका और नाटो के हथियार भारत में आतंकवादियों और अपराधियों के हाथों में पहुंच रहे हैं। इससे देश की शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है।

जम्मू-कश्मीर में भी आतंकियों के पास से इसी तरह नाटो ग्रेड हथियार बरामद किए गए हैं। इससे इस बात का पता चलता है कि हथियारों के तस्करों और आतंकियों के बीच किस हद तक गठजोड़ है। अब सवाल उठता है कि अमेरिका और नाटो के हथियार किस तरह भारत में आतंकियों व अपराधियों तक पहुंच रहे हैं?

अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में छोड़े हथियार

अमेरिकी सेना 2021 में अफगानिस्तान से लौट गई। लौटते वक्त अमेरिकी सेना ने भारी मात्रा में सैन्य उपकरण छोड़ दिए। इनमें खतरनाक हथियार भी थे। इनमें से अधिकांश तालिबान द्वारा जब्त कर लिए गए। तालिबान से ये हथियार दुनिया भर के आतंकवादी संगठनों तक पहुंचे हैं। बड़े आपराधिक गिरोह भी ब्लैक मार्केट से इन हथियारों को खरीद रहे हैं।

अमेरिकी रक्षा विभाग ने एक रिपोर्ट में कहा, "7.12 अरब डॉलर (59,770 करोड़ रुपए से अधिक) के अमेरिकी हथियार व उपकरण पूर्व अफगान सरकार के पास थे। इनमें से अधिकांश को तालिबान ने जब्त कर लिया।"

अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के साथ ही तालिबान के हाथ अत्याधुनिक हथियार भी लग गए। ये इन हथियारों को ब्लैक मार्केट में बेच रहे हैं। इनका इस्तेमाल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकी संगठन भारत की सेना के खिलाफ कर रहे हैं।

इजरायल जिन ताकतों से लड़ रहा है उनके पास भी अमेरिकी हथियार पहुंच गए हैं। इजरायल-हमास जंग (Israel Hamas War) के दौरान कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिनमें हमास के आतंकियों को अमेरिकी M4 असॉल्ट राइफल लिए देखा जा सकता है।

भारत के लिए खतरा है कश्मीर में अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल

कश्मीर में पिछले कुछ समय में आतंकियों द्वारा एडवांस अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल में तेजी आई है। यह भारत के लिए बड़ा खतरा है। कश्मीर घाटी में सक्रिय पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी स्टील-कोर बुलेट और नाइट-विजन ग्लास का इस्तेमाल करते पाए गए हैं। ये हथियार और उपकरण अफगानिस्तान में अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो सैनिकों ने छोड़े थे। स्टील की गोलियों का इस्तेमाल कवच भेदने में होता है। इससे कई भारतीय सैनिकों की जान गई है। पाकिस्तान ने कश्मीर में दहशत फैला रहे आतंकियों को M4, M16 और अन्य अमेरिकी हथियारों और गोला-बारूद से लैस किया है।

भारत में कैसे पहुंचाए जाते हैं अमेरिकी हथियार

फरवरी 2023 में भारतीय सेना के मेजर जनरल अजय चांदपुरिया ने बताया था कि अमेरिकी हथियार अफगानिस्तान से कश्मीर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा, "हमने जो हथियार और उपकरण बरामद किए हैं वे अमेरिकियों ने अफगानिस्तान में छोड़े थे।"

हथियारों की तस्करी में माहिर संगठित आपराधिक नेटवर्क दुनिया भर में काम करते हैं। वे नाटो की सेना के लिए बनाए गए हथियार प्राप्त करते हैं और उन्हें गुप्त रूप से भारत पहुंचाते हैं। इन नेटवर्कों में दलाल शामिल होते हैं। ये हथियारों की बिक्री और उसे पहुंचाने की व्यवस्था करते हैं। वे बेचने वाले को खरीदने वाले से जोड़ते हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंट और उनके गुर्गे यह काम करते हैं। वे ड्रोन का इस्तेमाल कर भारत में हथियारों की तस्करी करते हैं। भारत में काम कर रहे उनके एजेंट हथियारों को आतंकियों और अपराधियों तक पहुंचाते हैं।

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