प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, इजरायल के प्रधानमंत्री यायर लापिड और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ I2U2 के पहले वर्चुअल शिखर सम्मेलन में शामिल हुए।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुवार को चार देशों के समूह 'I2U2' के पहले वर्चुअल शिखर सम्मेलन में शामिल हुए। इस समूह के सदस्य देश इंडिया, इजरायल, अमेरिका और यूएई हैं। शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, इजरायल के प्रधानमंत्री यायर लापिड और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भी शामिल थे।
नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि I2U2 ने एक सकारात्मक एजेंडा स्थापित किया है। इसकी रूपरेखा बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के सामने व्यावहारिक सहयोग के लिए एक अच्छा मॉडल है। समूह ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
संयुक्त निवेश बढ़ाने पर हुए सहमत
नरेंद्र मोदी ने कहा, "हमने कई क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं की पहचान की है और उनमें आगे बढ़ने के लिए एक रोडमैप भी तैयार किया है। हम I2U2 ढांचे के तहत पानी, ऊर्जा, परिवहन, अंतरिक्ष, स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा के छह महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संयुक्त निवेश बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।"
वैश्विक अर्थव्यवस्था में दे सकते हैं महत्वपूर्ण योगदान
पीएम मोदी ने कहा कि बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच व्यावहारिक सहयोग के लिए समूह का सहकारी ढांचा एक अच्छा मॉडल है। यह स्पष्ट है कि I2U2 का दृष्टिकोण और एजेंडा प्रगतिशील और व्यावहारिक है। पूंजी, विशेषज्ञता और बाजार को लामबंद करके हम अपने एजेंडे को तेज कर सकते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। मुझे विश्वास है कि I2U2 के साथ हम वैश्विक स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
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बता दें कि समूह को 'I2U2' के रूप में जाना जाता है, जिसमें "I" भारत और इजराइल के लिए और "U" अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात के लिए है। I2U2 समूह की अवधारणा पिछले साल 18 अक्टूबर को आयोजित चार देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान की गई थी। पिछले कुछ वर्षों में तीनों देशों में से प्रत्येक के साथ भारत के द्विपक्षीय रणनीतिक संबंध मजबूत हुए हैं। 12U2 का उद्देश्य पानी, एनर्जी, ट्रांसपोर्टेशन, स्पेस, हेल्थ और फूड सिक्योरिटी जैसे 6 पारस्परिक रूप से पहचाने गए क्षेत्रों में मिलकर इन्वेस्ट और प्रोत्साहित करना है।
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