IAS या IPS पर सीधा नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार का प्रस्ताव, ममता बनर्जी लिख चुकी दो बार पीएम को चिट्ठी

केंद्र सरकार 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र में इस संशोधन को पेश कर सकती है। 1 जनवरी 2021 तक देश में कुल 5200 IAS ऑफिसर थे, जिनमें से 458 केंद्र में नियुक्त थे। 

नई दिल्ली। आईएएस पर किसका अधिक हस्तक्षेप होगा? केंद्र सरकार का या राज्य सरकार का, इसको लेकर हमेशा से ही विवाद बना रहता है। लेकिन अब केंद्र सरकार आईएएस कैडर नियमावलि में संशोधन करके सीधा नियंत्रण करने जा रही है। हालांकि, इस संशोधन का कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने विरोध भी किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ दो बार पीएम मोदी को पत्र भी लिख चुकी हैं। 

बार बार केंद्र और राज्यों में ठनती

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राज्यों में तैनात आईएएस अफसरों को लेकर बीते कुछ दिनों से केंद्र सरकार और राज्य सरकारों में काफी ठनी हुई है। ताजा मामला, पश्चिम बंगाल में देखने को मिला था जब पीएम मोदी की मीटिंग में देर से पहुंचे मुख्य सचिव को रिटायरमेंट के एक दिन पहले ही केंद्र सरकार को रिपोर्ट करने का आदेश हुआ था। लेकिन केंद्र सरकार को रिपोर्ट करने के बजाय मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय ने रिटायरमेंट ले लिया। साथ ही अगले दिन वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार बन गए। केंद्र सरकार अब आईएएस अफसरों पर अपना सीधा हस्तक्षेप बनाने और उनको अपने हद में करने के लिए आईएएस कैडर संशोधन का प्रस्ताव दिया है। इसको लेकर राज्य विरोध कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल ने खुले तौर पर इस संशोधन का विरोध किया है। इसके अलावा महाराष्ट्र, केरल ने भी अपना विरोध दर्ज कराया है। 

IAS (कैडर) रूल्स, 1954 में प्रस्तावित संशोधन...

केंद्र सरकार द्वारा IAS कैडर रूल 1954 के नियम 6 में कई संशोधन प्रस्तावित हैं। यदि राज्य सरकार IAS अधिकारी को केंद्र में भेजने में देरी करती है और तय समय के भीतर निर्णय को लागू नहीं करती है, तो अधिकारी को केंद्र सरकार द्वारा तय तारीख से राज्य कैडर से रिलीव कर दिया जाएगा।। अभी, IAS अधिकारियों को केंद्र में नियुक्ति के लिए राज्य सरकार से NOC लेनी होती है।

केंद्र राज्य के परामर्श से केंद्र सरकार में नियुक्त किए जाने वाले IAS अधिकारियों की वास्तविक संख्या तय करेगा और बाद में राज्य ऐसे अधिकारियों के नामों को पात्र बनाएगा।
केंद्र और राज्य के बीच किसी भी असहमति के मामले में, फैसला केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाएगा और राज्य केंद्र के निर्णय को "एक तय समय के भीतर" लागू करेगा।
विशेष स्थिति में जहां केंद्र सरकार को "जनहित" में कैडर अधिकारियों की सेवाओं की आवश्यकता होती है, राज्य अपने निर्णयों को एक तय समय के भीतर प्रभावी करेगा।

मौजूदा नियमों के अनुसार, राज्यों को केंद्र सरकार के कार्यालयों में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारियों सहित अखिल भारतीय सेवा (IAS) अधिकारियों की नियुक्ति करनी होती है और किसी भी समय यह कुल कैडर की संख्या का 40% से अधिक नहीं हो सकता है।

25 जनवरी तक मांगा गया सुझाव

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने केंद्र में IAS अधिकारियों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए IAS अधिकारियों की नियुक्ति के मौजूदा नियम में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। DoPT ने 12 जनवरी को राज्यों को लिखे खत में कहा है कि केंद्र सरकार VS इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) (कैडर) रूल्स 1954 के रूल 6 में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा है। इसके लिए 25 जनवरी तक सुझाव राज्य दे सकते हैं।

बजट सत्र में पेश होगा संशोधन विधेयक

केंद्र सरकार 31 जनवरी से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र में इस संशोधन को पेश कर सकती है। 1 जनवरी 2021 तक देश में कुल 5200 IAS ऑफिसर थे, जिनमें से 458 केंद्र में नियुक्त थे। नए संशोधन से IAS की नियुक्ति में केंद्र का दबदबा बढ़ जाएगा। नए संशोधन के अनुसार IAS और IPS अधिकारियों की केंद्र में नियुक्ति के मामले में पूरी ताकत केंद्र सरकार के हाथ में चली जाएगी और ऐसा करने के लिए उसे राज्य सरकार की सहमति लेने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी।

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