यदि गैस आपूर्ति नहीं हुई पूरी तो भुगतान से भरपाई करेगी रिलायंस कंपनी

 रिलायंस इंडस्ट्रीज 2020 के मध्य से उसके नये क्षेत्रों से उत्पादित गैस आपूर्ति के अनुबंधों में आपूर्ति या फिर भुगतान की पेशकश कर रही है। कंपनी का कहना है कि यदि वह आपूर्ति नहीं कर पाई तो उसके लिए भुगतान करेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज इससे पहले केजी- बेसिन से गैस आपूर्ति को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरी नहीं उतर पाई थी।

Asianet News Hindi | Published : Sep 12, 2019 3:44 PM IST

नई दिल्ली. रिलायंस इंडस्ट्रीज 2020 के मध्य से उसके नये क्षेत्रों से उत्पादित गैस आपूर्ति के अनुबंधों में आपूर्ति या फिर भुगतान की पेशकश कर रही है। कंपनी का कहना है कि यदि वह आपूर्ति नहीं कर पाई तो उसके लिए भुगतान करेगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज इससे पहले केजी- बेसिन से गैस आपूर्ति को लेकर अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरी नहीं उतर पाई थी। रिलायंस और उसकी भागीदार ब्रिटेन की बीपी पीएलसी की ओर से बंगाल की खाड़ी के केजी-डी6 ब्लॉक में आर-श्रृंखला के क्षेत्रों से उत्पादित गैस की बिक्री के लिए जो आमंत्रण नोटिस (एनआईओ) निकाला गया है उसमें पहली बार तय मात्र के स्थान पर वैकल्पिक ईंधन की खरीद के लिए भुगतान की पेशकश की गई है।

नई पेशकश खरीदो या भुगतान के प्रावधान के अतिरिक्त है। इसमें खरीदार द्वारा जितनी खरीद की प्रतिबद्धता जताई जाती है उतने का उठाव करना होता है। यदि खरीदार इससे कम मात्रा की खरीद करता तो उसे उसके लिए भुगतान करना पड़ता है। रिलायंस ने पूर्व में केजी-डी6 ब्लाक के धीरूभाई-एक और तीन (डी1 और डी3) तथा एमए क्षेत्रों से छह करोड़ घनमीटर प्रतिदिन गैस आपूर्ति की प्रतिबद्धता जताई थी। इसके लिए रिलायंस ने उर्वरक, बिजली और अन्य उपभोक्ताओं के साथ खरीद- बिक्री समझौता किया था।

लेकिन उसके इन क्षेत्रों से उत्पादन प्रतिबद्धता से काफी कम रहा। इन क्षेत्रों से उत्पादन अप्रैल 2009 में शुरू हुआ था, लेकिन दो साल में ही उत्पादन में गिरावट आनी शुरू हो गई। इससे कंपनी के कई ग्राहकों को अन्य स्रोतों से गैस खरीदनी पड़ी या संयंत्रों को बंद करना पड़ा था। एमए क्षेत्र में पिछले साल से उत्पादन बंद है। यही वजह है कि कंपनी अब नये अनुबंध में कुछ नये प्रावधानों को शामिल कर रही है।

(नोट- यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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