वैज्ञानिकों की राय, मंगल और चांद पर एनालॉग रिसर्च स्टेशन के लिए लद्दाख बेस्ट

Published : Aug 01, 2024, 09:49 AM ISTUpdated : Aug 01, 2024, 10:28 AM IST
Leh laddakh

सार

आईआईएससी और बीएसआईपी के वैज्ञानिकों ने भारत के पहले मंगल और चंद्रमा एनालॉग रिसर्च स्टेशन के लिए लद्दाख को बेस्ट लोकेशन माना है।

नेशनल न्यूज। लद्दाख का क्लाइमेट हर किसी को अपना मुरीद बना लेता है। शायद इसीलिए इसरो ने भी अपने मिशन यहीं पर संचालित करने की सोचा है। आईआईएससी और बीएसआईपी के वैज्ञानिकों ने भारत के पहले मंगल और चंद्रमा एनालॉग रिसर्च स्टेशन के लिए लद्दाख को आइडियल लोकेशन माना है। वैज्ञानिकों ने इसके ठंडे भूभागों पर जोर देने के साथ अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के प्रशिक्षण और रिसर्च वर्क के लिए इस स्थान को सबसे उपयुक्त बताया है। यह भी कहा है कि स्पेस को लेकर रिसर्च, अंतरिक्ष यात्री भेजने का मिशन और मंगल ग्रह के लिए भविष्य में यहां पर रिसर्च ज्यादा लाभदायक होगा। 

आईआईएससी और बीएसआईपी के वैज्ञानिकों का रिसर्च
भारतीय विज्ञान संस्थान केंद्र (आईआईएससी) और बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ पैलियोसाइंसेज के वैज्ञानिकों की ओर से रिसर्च रिपोर्ट तैयार की गई है। लद्दाख को रिसर्च सेंटर के लिए बेस्ट लोकेशन माने जाने के पीछे उनके खुद के एक्सपीरियंस और रिसर्च वर्क है। यह शोध बीएसआईपी की विनीता फरतियाल, आईआईएससी के आलोक कुमार और भारत के एक गगनयान यात्री शुभांशु शुक्ला ने किया है। भारत का यह अंतरिक्ष कार्यक्रम का प्रोजेक्ट जल्द शुरू हो सकता है जिसे वैज्ञानिकों के मुताबिक 2035 में लद्दाख में अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक चंद्रमा पर लैंडिंग की योजना शामिल है। 

पढ़ें अद्भुत! इसरो के वैज्ञानिकों की बड़ी उपलब्धि, रामसेतु का बनाया मैप, किया ये दावा

लद्दाख प्राकृतिक प्रयोगशाला के समान 
लद्दाख में रिसर्च सेंटर बनाने के प्रस्ताव की प्रमुख विनीता और आलोक के मुताबिक यहां की अद्भुत भौगोलिक स्थिति, वातावरण और कुछ खास विशेषताएं मंगल और चंद्रमा उपग्रह के माहौल से काफी मिलती जुलती थी। यहां पर स्पेस की तरह ठंडे मौसम के साथ शुष्क रेगिस्तान जैसे इलाके के साथ बड़ी चट्टानों वाले इलाके और ऊबड़ खाबड़ स्थान भी है चंद्रमा और मंगल ग्रहों की स्थितियों जैसी है। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि लद्दाख अंतरिक्ष यात्रियों के लिए रिसर्च, उनके प्रशिक्षण और कर्मचारियों के साथ वैज्ञानिकों के अध्ययन के लिए नेचुरल लेबोरेटरी प्रदान करता है। यहां पर रिसर्च स्टेशन कई उद्देश्यों को पूरा करेगा जैसे स्पेस टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग इटीग्रेशन, स्पेस रिसर्च वर्क्स आदि को लेकर तेजी से कार्य हो सकेगा।  

PREV

Recommended Stories

हुमायूं कबीर कौन, जिन्होंने बाबरी मस्जिद के लिए इकट्ठा किया करोड़ों का चंदा
Indigo Crisis Day 7: इंडिगो ने दिया ₹827 करोड़ का रिफंड, यात्रियों को लौटाए 4500 बैग