वॉशिंगटन में जो हुआ वह विरोध नहीं विद्रोह था...ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास, जानें अब आगे क्या होगा?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग चलाने का प्रस्ताव हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में पास हो गया। ट्रम्प पहले ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं, जिस पर दूसरी बार महाभियोग चलेगा। बता दें कि ट्रम्प पर विद्रोह भड़काने का आरोप है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 14, 2021 1:54 AM IST / Updated: Jan 14 2021, 03:48 PM IST

वॉशिंगटन. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग चलाने का प्रस्ताव हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में पास हो गया। ट्रम्प पहले ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं, जिस पर दूसरी बार महाभियोग चलेगा। बता दें कि ट्रम्प पर विद्रोह भड़काने का आरोप है। 

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अपनों ने भी छोड़ा ट्रम्प का साथ
222 डेमोकेट्स सांसदों के अलावा 10 रिपब्लिकन सांसदों ने भी ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन किया। बता दें कि महाभियोग के लिए सिर्फ 218 मतों की जरूरत होती है, जब ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए 232 वोट पड़े। 

क्या सीनेट में भी पास हो जाएगा महाभियोग प्रस्ताव
ट्रम्प के खिलाफ दूसरी बार महाभियोग लगाया गया है। यह प्रस्ताव हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में आसानी से पास हो गया। ट्रम्प के खिलाफ उनकी पार्टी के 10 सदस्यों ने भी वोट दिया। वहीं, सीनेट में इसका आसानी से पास होना संभव नहीं है। सीनेट में ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है। महाभियोग प्रस्ताव पास कराने के लिए सीनेट में दो तिहाई बहुमत चाहिए। यानी 100 में से 67 सांसद। अभी सीनेट में 98 सदस्य हैं। यानी ट्रम्प के खिलाफ अगर 65 वोट पड़ते हैं, तो प्रस्ताव पास होगा। ऐसा होना मुश्किल है। क्यों कि 50 सीटें रिपब्लिकन और 48 डेमोक्रेट्स के पास हैं। यानी 17 रिपब्लिकंस अगर पाला बदलते हैं तो 65 वोट हासिल हो जाएंगे और महाभियोग मंजूर हो जाएगा।

"उस दिन जो हुआ वह विरोध नहीं विद्रोह था"
रूल्स कमेटी के चेयरमैन जिम मैक्गोवर्न ने बहस में कहा, हम वहीं पर खड़े होकर बहस कर रहे हैं जहां पर वह घटना हुआ थी। उस दिन जो हुआ वह विरोध नहीं था बल्कि देश के खिलाफ संगठित विद्रोह था। इसे डोनाल्ड ट्रम्प ने भड़काया था।

महाभियोग क्या होता है और ट्रम्प का क्या होगा?
जब किसी बड़े अधिकारी या प्रशासक पर विधानमंडल के समक्ष अपराध का दोषारोपण होता है तो इसे महाभियोग (Impeachment) कहा जाता है। संयुक्त राष्ट्र अमरीका के संविधान के अनुसार उस देश के राष्ट्रपति तथा अन्य सब राज्य पदाधिकारी अपने पद से तभी हटाए जा सकेंगे जब उनपर राजद्रोह, घूस तथा अन्य किसी प्रकार के विशेष दुराचारण का आरोप महाभियोग द्वारा सिद्ध हो जाए। मतदान के जरिए प्रस्ताव पर सांसद वोट देते हैं। यदि सभी प्रतिनिधियों में से दो तिहाई सहमत हैं तो राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाया जाता है। एक बार महाभियोग चलाने के बाद राष्ट्रपति की शक्तियां खत्म कर दीं जाती हैं, और संवैधानिक न्यायालय यह निर्णय लेता है कि राष्ट्रपति को पद से हटाया जाना चाहिए या नहीं।

ट्रम्प पर महाभियोग लगाकर उन्हें पद से हटा दिया जाएगा और उपराष्ट्रपति माइक पेंस संविधान के 25वें संशोधन का इस्तेमाल कर खुद राष्ट्रपति बन जाएंगे। 

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