अटल टनल: हर 60 मीटर पर CCTV, 500 मीटर पर एग्जिट गेट; ऐसी है दुनिया की सबसे लंबी सुरंग

दुनिया की सबसे लंबी रोड सुरंग अटल सुरंग (Atal Tunnel) बनकर तैयार हो गई है। 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी यह टनल मनाली से लेह को जोड़ेगी। बताया जा रहा है कि इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरंग का उद्धाटन पीएम मोदी कर सकते हैं। 

नई दिल्ली. दुनिया की सबसे लंबी रोड सुरंग अटल सुरंग (Atal Tunnel) बनकर तैयार हो गई है। 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी यह टनल मनाली से लेह को जोड़ेगी। बताया जा रहा है कि इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुरंग का उद्धाटन कर सकते हैं। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। इस टनल को बनाने में 10 साल लगे। इस टनल से मनाली और लेह के बीच की दूरी घट जाएगी। टनल 9 किमी लंबी है। इस टनल के बनने के बाद लेह से मनाली की दूरी 46 किमी कम हो जाएगी। इसके साथ ही चार घंटे का सफर कम हो जाएगा। 

इससे पहले चीन के तिब्बत ऑटोनॉमस रीजन में मिला माउंटेन पर बनी टनल 10 हजार फीट से ज्यादा ऊंचाई पर सबसे लंबी रोड टनल थी। इस टनल की लंबाई 5.7 किमी है। यह ल्हासा और न्यिंग्ची के बीच 400 किमी लंबे हाईवे का हिस्सा है। टनल समुद्र की सतह से 4750 मीटर (करीब 15 हजार फीट) की ऊंचाई पर बनी है।

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टनल में हर 500 मीटर पर इमरजेंसी एग्जिट गेट भी बनाए गए हैं।

आग लगने पर तुरंत काबू पाया जा सकता है
इस टनल में हर 60 मीटर पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। टनल में हर 500 मीटर पर इमरजेंसी एग्जिट गेट हैं। इसके अलावा टनल के अंदर पाइप लाइन भी है। अगर टनल में आग लगने जैसी कोई घटना हो जाती है, तो इसपर तुरंत काबू पाया जा सकता है। 

कितनी है टनल की लंबाई और चौड़ाई?
टनल करीब 9 किमी (8.8) लंबी है। टनल की चौड़ाई 10.5 मीटर है। टनल में दोनों तरफ 1 मीटर का फुटपाथ भी बनाया गया है। ये दुनिया की सबसे लंबी रोड टनल है। इसे रोहतक पास से जोड़कर बनाया गया है। इस टनल की विशेषता है कि इसमें फायर हाइड्रेंट भी लगाए गए हैं। इनका इस्तेमाल किसी भी प्रकार की अनहोनी के वक्त किया जा सकता है। 


टनल की चौड़ाई 10.5 मीटर है।


हर रोज गुजरेंगी 3000 गाड़ियां
इस सुरंग में गाड़ियां अधिकतम 80 किमी की स्पीड से दौड़ सकती हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इसमें हर रोज 3000 गाड़ियां और 1500 ट्रक गुजरेंगे। 

सेना को मिलेगा फायदा
टनल बनने के बाद मनाली के पास सोलांग घाटी से लाहौल के सिसू के बीच की दूरी 10 मिनट में तय होगी। इस टनल से चीनी सीमा पर मौजूद भारतीय सेना को भी काफी फायदा मिलेगा। अब बर्फबारी के समय भी सेना आसानी से बॉर्डर तक आवाजाही कर सकेगी। 


10 साल में बनकर तैयार हुई टनल।

वाजपेयी सरकार में हुआ था बनाने का फैसला

इस सुरंग को बनाने का फैसला 3 जून 2000 को लिया गया था। उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। सुरंग के दक्षिणी हिस्‍से को जोड़ने वाली सड़क की आधारशिला 26 मई 2002 को रखी गई थी। टनल का शिलान्यास 2010 में हुआ था। इसे 2015 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन कई चुनौतियों के चलते इसे बनाने में 10 साल का वक्त लग गया। पहले इस टनल की लागत करीब 1600 करोड़ थी। अब यह बढ़कर 3500 करोड़ रुपए थी। सर्दियों के दौरान माइनस 23 डिग्री सेल्सियस में भी बीआरओ के इंजीनियर और मजदूरों ने इसके निर्माण किया। 

नार्वे में है दुनिया की सबसे लंबी सुरंग
दुनिया की सबसे लंबी सुरंग नार्वे में है। इसकी लंबाई 24.5 किमी है। यह ऑरलैंड और लायेरडेल के बीच ओस्लो और बेरजेन को जोड़ने वाले मुख्य सड़क पर स्थित है। हालांकि, जब ऊंचाई पर बने सबसे लंबे टनल की बात होगी तो भारत की अटल टनल का नाम सबसे टॉप पर आएगा।

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