भारत के BrahMos Missile से चीनी खतरे का सामना करेगा फिलीपींस, 2770 करोड़ का सौदा तय

Published : Jan 15, 2022, 02:10 AM IST
भारत के BrahMos Missile से चीनी खतरे का सामना करेगा फिलीपींस, 2770 करोड़ का सौदा तय

सार

चीन के खतरे का सामना करने के लिए फिलीपींस ने भारत से सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस खरीदने का सौदा किया है। 2770 करोड़ रुपए के इस सौदे के लिए दोनों देशों के बीच पिछले कई महीनों से बातचीत जारी थी।

नई दिल्ली। दक्षिण चीन सागर (South China Sea) में चीन द्वारा इलाकों को लेकर किए जा रहे दावेदारी के चलते फिलीपींस की परेशानी बढ़ी है। चीन के खतरे का सामना करने के लिए फिलीपींस ने भारत से सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस ( BrahMos Missile) खरीदने का सौदा किया है। 2770 करोड़ रुपए के इस सौदे के लिए दोनों देशों के बीच पिछले कई महीनों से बातचीत जारी थी।

फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा विभाग ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस ऑफ अवार्ड जारी किया है, जिसके तहत अगले सप्ताह वास्तविक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। 290 किलोमीटर तक मार करने वाले ब्रह्मोस मिसाइल का यह पहला निर्यात सौदा है। इस मिसाइल को रूस और भारत ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इस डील के तय होने से फिलीपींस के साथ ऐसे अन्य सौदों के रास्ते खुल गए हैं। इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे एशियाई देश भी इस मिसाइल को खरीदने के बारे में पहल कर सकते हैं।

रणनीतिक रूप से अहम है डील
सूत्रों के अनुसार यह डील चीन की पृष्ठभूमि में रणनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। चीन के विस्तारवाद की नीति के चलते भारत समेत कई पड़ोसी देश परेशान हैं। चीन दक्षिण चीन सागर में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। इस इलाके के देश अगर ब्रह्मोस जैसे अत्याधुनिक मिसाइल से लैस होंगे तो इलाके में शक्ति संतुलन कायम रहेगा। 

फिलीपींस को सतह से समुद्र में मार करने वाले ब्रह्मोस के एंटी शिप वर्जन की तीन मिसाइल बैटरी मिलेगी। इसके साथ ही ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी दिया जाएगा। फिलीपींस की सेना के लिए भी ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने को लेकर बातचीत चल रही है। वहीं, इंडोनेशिया की सरकार भी ब्रह्मोस को लेकर बात कर रही है। 

बता दें कि इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार को देखते हुए भारत आसियान देशों के साथ सैन्य संबंध बढ़ा रहा है। इन देशों के साथ पिछले कुछ वर्षों में युद्ध अभ्यास, प्रशिक्षण और हथियारों की सप्लाई को बढ़ावा दिया गया है। इसके साथ ही भारत पूरे दक्षिण चीन सागर में संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के समुद्र कानून के अनुसार बिना रोकटोक के आने जाने और ऊपर से उड़ान भरने की स्वतंत्रता का समर्थन करता है।

 

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