India Canada Relations: पहले सर्जियो, अब अनीता आनंद-क्या भारत में हो रहा नया डिप्लोमेसी पावरप्ले?

Published : Oct 12, 2025, 11:52 AM IST
Anita Anand India Visit

सार

Anita Anand India visit: खालिस्तानी विवाद के बाद अचानक कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद की भारत यात्रा क्यों? सर्जियो गोर भी एक साथ भारत में…क्या शुरू हो रहा है नया कूटनीतिक गेमप्लान? कौन बदल रहा है पावर बैलेंस?  

Canada Foreign Minister Anita Anand India Visit: खालिस्तानी समर्थक की हत्या के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में जो कड़वाहट आई थी, अब लगता है उसका असर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद रविवार देर रात भारत पहुंच रही हैं। यह दौरा सिर्फ औपचारिक नहीं है, बल्कि इसे दोनों देशों के बीच नए रिश्तों की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। इसी दौरान, अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर भी भारत में हैं, जो ट्रंप के बेहद करीबी माने जाते हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है-क्या यह सब कोई कूटनीतिक मास्टर स्ट्रोक है?

क्या खालिस्तान विवाद को सुलझाने की कोशिश है?

पिछले कुछ महीनों में खालिस्तान समर्थक की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच खूब तनातनी देखने को मिली थी। अब जब कनाडा की नई विदेश मंत्री भारत दौरे पर हैं, तो यह संकेत मिल रहा है कि दोनों देश मतभेद भुलाकर आगे बढ़ना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, अनीता आनंद भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगी। एजेंडा साफ है-ट्रेड, एनर्जी और सिक्योरिटी पार्टनरशिप को रीसेट करना।

व्यापार और निवेश पर क्या होगी काेई नई डील?

भारत और कनाडा अब व्यापार विविधीकरण, ऊर्जा परिवर्तन और रोजगार सृजन जैसे मुद्दों पर साथ आने की तैयारी में हैं। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच इकोनॉमिक बॉन्डिंग को नया आयाम दे सकती है। अनीता आनंद मुंबई में भारतीय और कनाडाई कंपनियों के साथ बातचीत भी करेंगी ताकि निवेश और बिज़नेस अवसरों पर ठोस कदम उठाए जा सकें।

क्या यह ‘ट्रिपल प्ले’ है-इंडिया, यूएस और कनाडा का नया गेमप्लान?

दिलचस्प बात यह है कि जब कनाडा की विदेश मंत्री भारत में होंगी, उसी वक्त अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर भी भारत यात्रा पर हैं। क्या यह महज़ संयोग है या किसी बड़े रणनीतिक गठजोड़ की तैयारी चल रही है? डिप्लोमेसी जानकारों का मानना है कि यह दौरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव को बैलेंस करने की दिशा में एक अहम कदम हो सकते हैं।

भारत ने क्या खालिस्तान कार्ड को पलट दिया?

कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अब डिप्लोमैटिक स्मार्ट मूव खेल रहा है। पिछले महीने अजीत डोभाल ने कनाडा की एनएसए नथाली जी ड्रोइन से मुलाकात कर आतंकवाद-रोधी और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की थी। यह मुलाकात और अब अनीता आनंद का दौरा — दोनों मिलकर दिखाते हैं कि भारत अब “कड़वाहट की जगह रणनीति” से काम कर रहा है।

क्या यह ‘नए रिश्तों’ की शुरुआत है?

भारत और कनाडा अब सिर्फ पुराने मतभेदों को नहीं देख रहे, बल्कि भविष्य के साझे हितों को प्राथमिकता दे रहे हैं। आने वाले हफ्तों में यह तय होगा कि यह डिप्लोमेसी का मास्टर स्ट्रोक कितना असरदार साबित होता है।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

पुतिन को गार्ड ऑफ ऑनर: राष्ट्रपति भवन में 5 खास मोमेंट्स की PHOTOS
हैदराबाद हाउस में पुतिन-मोदी की बाइलेटरल मीटिंग, क्या होंगे बड़े समझौते? देंखे आकर्षक तस्वीर