12 जनवरी को भारत और चीन के कोर कमांडर के बीच 14वें राउंड की वार्ता होगी। इस दौरान हॉट स्प्रिंग इलाके से सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर बात होगी। चीन की तरफ से कोर कमांडर की 14वें राउंड की वार्ता के लिए आमंत्रण भेजा गया था।
नई दिल्ली। LAC (Line of Actual Control) पर चीन और भारत की सेनाएं 20 महीने से अधिक समय से आमने-सामने हैं। चीन ने सीमा पर अपने 60 हजार सैनिकों को तैनात किया है। इन्हें लद्दाख (Ladakh) में भारतीय क्षेत्र के सामने तैनात किया गया है। इसके साथ ही चीन सीमा के करीब तेजी से सड़क और पुल जैसी आधारभूत संरचनाएं विकसित कर रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर सैनिकों को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। इस बीच दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनातनी कम करने की कोशिश भी जारी है।
12 जनवरी को भारत और चीन के कोर कमांडर (Corps Commander) के बीच 14वें राउंड की वार्ता होगी। इस दौरान हॉट स्प्रिंग इलाके (Hot Springs area) से सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर बात होगी। चीन की तरफ से कोर कमांडर की 14वें राउंड की वार्ता के लिए आमंत्रण भेजा गया था। भारत का प्रतिनिधित्व कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए सेनगुप्ता करेंगे। उन्होंने दो दिन पहले ही 14वीं कोर के नए कमांडर का पदभार ग्रहण किया है।
दरअसल, चीन और भारत के बीच लाइन ऑफ कंट्रोल पर सैन्य गतिरोध खत्म करने को लेकर 13 राउंड की वार्ता हो चुकी है। दोनों तरफ से भारी संख्या में सैनिकों और हथियारों की तैनाती की गई है। दोनों पक्ष हॉट स्प्रिंग्स इलाके में तनाव कम करने की दिशा में बात करेंगे। यहां भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। पिछले साल चीनी आक्रमण के बाद इस इलाके में तनाव बढ़ गया है। पैंगोंग झील के तट और गोगरा हाइट्स पर घर्षण बिंदुओं को सुलझा लिया गया है।
बता दें कि LAC पर चीन और भारत की सेनाएं आमने-सामने हैं। चीन ने दौलत बेग ओल्डी इलाके के सामने और पैंगोंग झील के करीब अपने क्षेत्र में नई सड़कें बनाई हैं। चीन की हरकतों को देखते हुए भारत के तरफ से भी जरूरी तैयारी की गई है। भारतीय क्षेत्र में भी सड़कें और जरूरी आधारभूत संरचनाएं बनाई जा रही हैं। बर्फबारी के बाद भी भारतीय सेना ने सभी पहाड़ी दर्रों को खुला रखा है ताकि जरूरत पड़ने पर सैनिकों को तेजी से मोर्चे पर भेजा जा सके। भारतीय सेना ने लद्दाख थिएटर में राष्ट्रीय राइफल्स यूनिफॉर्म फोर्स का गठन किया है, ताकि लद्दाख में 14 कोर को मजबूत किया जा सके।
सर्दी में चीनी सैनिकों को आ रही परेशानी
सूत्र के अनुसार अधिकतर जगहों पर एक से दो लोकेशन ऐसे हैं जहां चीन और भारत के सैनिक प्रत्यक्ष रूप से आमने-सामने हैं। अधिकतर क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाओं के बीच बफर जोन है। दोनों तरफ से बड़ी संख्या में निगरानी करने वाले ड्रोन को बफर जोन में तैनात किया गया है। चीन के लिए सीमा पर सैनिकों को सर्दी के मौसम में बनाए रखना कठिन साबित हो रहा है। अग्रिम मोर्चे पर चीन अपने सैनिकों को बहुत तेजी से बदल रहा है। सर्दी से होने वाली परेशानियों के चलते चीन ऊंचे और बेहद खराब मौसम वाले पोस्ट पर सैनिकों को करीब हर दिन बदल रहा है।
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