पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम नहीं हुआ है। मंगलवार को दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर पर तीसरे दौर की बैठक होगी। पिछले एक महीने में कोर कमांडर स्तर की दो बैठक हो चुकी है। तीसरी बैठक लद्दाख के चुशूल में सुबह 10:30 बजे आयोजित की गई है। पिछली दो बैठके चीनी के मोल्डो में हुई थीं।
नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम नहीं हुआ है। मंगलवार को दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर पर तीसरे दौर की बैठक होगी। पिछले एक महीने में कोर कमांडर स्तर की दो बैठक हो चुकी है। तीसरी बैठक लद्दाख के चुशूल में सुबह 10.30 बजे से आयोजित की गई है। पिछली दो बैठके चीनी के मोल्डो में हुई थीं।
डिसएंगेजमेंट होगा मुख्य एजेंडा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों देशों के बीच बातचीत की मुख्य एजेंडा डिसएंगेजमेंट होगा। इस मुद्दे पर जो पहले बातचीत हुई है, उन्हीं को आगे ले जाने के लिए प्रस्ताव रखे जाएंगे।
6 और 22 जून को हुई थी कोर कमांडर की बैठक
इससे पहले दोनों देशों के बीच कोर कमांडर की पहली बैठक 6 जून और 22 जून को हुई थी। 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं।
22 जून को 11 घंटे की बैठक हुई थी
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर तनाव को खत्म करने के लिए 22 जून को दोनों देशों के बीच करीब 11 घंटे की मैराथन बैठक हुई थी।
15 जून की रात क्या हुआ था?
15 जून की रात चीन ने भारत को बड़ा धोखा दिया। बातचीत के बहाने भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक झड़प की। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए, वहीं चीन के करीब 40 सैनिकों की भी जान चली गई। हालांकि, चीन ने आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है।
- केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ वीके सिंह ने बताया कि 15 जून की रात कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू पेट्रोलिंग पॉइंट 14 पर पहुंचे थे। जब उन्होंने देखा कि चीनी तंबू पीछे नहीं हटा है। इस दौरान संतोष बाबू ने चीन के सैनिकों से तंबू हटाने के लिए कहा। जब चीनी सैनिक इसे हटा रहे थे तो इसमें आग लग गई। अब यह साफ नहीं हो पाया कि तंबू में क्या रखा था। उन्होंने बताया, इसके बाद ही सैनिकों के बीच झड़प हुई।