Border Issue : Ladakh में चीनी सेना को पीछे हटाने पर जल्द कमांडर लेवल की वार्ता करेंगे भारत-चीन

लद्दाख (Ladakh) में संघर्ष और गतिरोध समाप्त करने के लिए भारत-चीन (India china) सेनाओं को पीछे हटाने की बातचीत के लिए सहमत हुए हैं। दोनों देश जल्द कमांडर लेवल की बातचीत (Meeting) आयोजित करेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Nov 18, 2021 1:33 PM IST

नई दिल्ली। भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में सैनिकों को पूरी तरह पीछे हटाने के उद्देश्य से जल्द अगले दौर की सैन्य वार्ता करेंगे। एक वर्चुअल (Virtual) मीटिंग में दोनों देशों के बीच यह सहमति बनी है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि सीमा मामलों पर बातचीत और वर्किंग मैकेनिज्म फॉर कंसल्टेशन एंड कोऑर्डिनेशन (WMCC) की वर्चुअल मीटिंग (Meeting) में दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर स्थिति के संबंध में स्पष्ट चर्चा की। इस दौरान पिछले सैन्य स्तर की वार्ता के बाद के घटनाक्रम की भी समीक्षा की गई। 

इस दौरान सहमति बनी कि द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के मुताबिक पश्चिमी सेक्टर में एलएसी (LAV) पर संघर्ष के सभी क्षेत्रों से पूरी तरह से पीछे हटने के लिए जल्द वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की अगले दौर (14वें) की बैठक की जाएगी। इस बात पर भी सहमति बनी कि तब तक दोनों पक्ष अंतरिम रूप से जमीनी स्तर पर स्थिरता बनाए रखेंगे और किसी विवाद या संघर्ष जैसी घटना से बचेंगे। इस दौरान कहा गया कि दोनों पक्षों ने विदेश मंत्री जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच सितंबर में दुशांबे में हुई बैठक के दौरान बनी इस सहमति को भी याद किया कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर शेष मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत करना जारी रखेंगे।

सैनिक और मशीनों को हटाना अगला कदम 
सितबंर 2020 में हुई मीटिंग में पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के मुद्दों को सुलझाने पर सहमति बनी थी। दोनों देश दोनों पक्षों के बीच सहमति से शांति स्थापित करने पर सहमत हुए थे।   
चीन ने नॉर्दन फ्रंट से लेकर पूर्वी लद्दाख तक अपने सैनिकों और हथियारों की संख्या में काफी इजाफा किया है। हालांकि, भारत ने भी उसी बराबरी में सैनिकों की तैनाती की ली है। हाल ही में भारतीय सेना (Indian army) ने के-9 वज्र और होवित्जर तोपों की भी लद्दाख में तैनाती की  है। अब तक दोनों सेनाएं पैंगोंग त्सो और गोगरा हाइट्स से अलग हो चुकी हैं। एलएसी पर शांति और अमन-चैन बहाल करने की दिशा में पुरुषों और मशीनों को हटाना अगला कदम होगा।

Latest Videos

चीन के राजदूत बन सकते हैं IFS प्रदीप रावत 
इस बीच बताया जा रहा है कि चीनी विशेषज्ञ और 1990-बैच के IFS अधिकारी प्रदीप रावत चीन में भारतीय राजदूत का पदाभार संभाल सकते हैं। वर्तमान राजदूत, विक्रम मिश्रा सचिव के रूप में नई दिल्ली आएंगे। रावत मंदारिन चीनी में धाराप्रवाह हैं और उन्होंने अपने राजनयिक करियर का अधिकांश हिस्सा या तो चीन में या राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली से बीजिंग को संभालने में बिताया है।

Share this article
click me!

Latest Videos

कोलकाता केसः डॉक्टरों के आंदोलन पर ये क्या बोल गए ममता बनर्जी के मंत्री
घूंघट में महिला सरपंच ने अंग्रेजी में दिया जोरदार भाषण, IAS Tina Dabi ने बजाई तालियां
PM Modi LIVE: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में जनसभा को संबोधित किया
कौन सी चीज को देखते ही PM Modi ने खरीद डाली। PM Vishwakarma
पितरों को करना है प्रसन्न, घर में ही कर सकते हैं ये 10 उपाय । Pitra Paksh