फिंगर एरिया को पूरी तरह से नहीं छोड़ना चाहता चीन, तनाव वाले इलाकों से पीछे हटने को तैयार

एनएसए अजीत डोभाल ने चीन के साथ बातचीत के दौरान यह स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले को पूरी तरह से सुलझाने और दोनों पक्षों की संतुष्टि के लिए दोनों पक्षों को अपने स्थायी स्थानों पर वापस जाना होगा। जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना ने चीन की पीएलए को साफ कह दिया है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 16, 2020 2:14 AM IST

नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच तनाव थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। दोनों देश आपसी विवादों को लेकर बातचीत कर रहे हैं। ऐसे में हाल ही में एक बार फिर से सीमा पर तनाव को लेकर दोनों देशों के बीच चर्चा हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि चीन फिंगर एरिया से पूरी तरह पीछे नहीं हटना चाहता है। वहीं, टकराव वाले इलाकों से वो पूरी तरह से पीछे हटने को सहमत हो गया है। 

भारत ने चीन को कही ये बात 

मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि भारत ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि अप्रैल-मई के दौरान जहां दोनों देशों की सेनाएं थी। वहां तक चीन वापस जाए। भारत इससे कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेगा। दोनों पक्ष अगले कुछ दिनों में करीब 21-22 जुलाई को वापस हटने की स्थिति की निगरानी और सत्यापन करेंगे। सूत्रों के मुताबिक फिंगर-4 के पास के क्षेत्रों में चीनी सैनिकों ने ब्लैक टॉप और ग्रीन टॉप से अपने ढांचों को हटाना शुरू कर दिया है।

Not just in Ladakh, India, China moved troops in all three sectors ...

अजीत डोभाल ने चीन को कही थी ये बात 

इससे पहले एनएसए अजीत डोभाल ने चीन के साथ बातचीत के दौरान यह स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले को पूरी तरह से सुलझाने और दोनों पक्षों की संतुष्टि के लिए दोनों पक्षों को अपने स्थायी स्थानों पर वापस जाना होगा। जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना ने चीन की पीएलए को साफ कह दिया है कि फिंगर-8 से वह पीछे जाएं और अप्रैल महीने से पहले की स्थिति को बहाल किया जाए। हालांकि, चीन के सैनिक फिंगर-4 से पीछे हटकर फिंगर-5 पर पहुंच गए हैं। गलवान नदी घाटी और लद्दाख के संवेदनशील पैंगोंग त्सो इलाके से चीन हट रहा है। पैंगोंग लेक का वही इलाका है, जहां इस साल मई के महीने में चीन के सैनिक आए थे और भारतीय सेना के साथ टकराव हुआ था। 

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