Live : लद्दाख झड़प: चीन के खिलाफ नेपाल में उठी आवाज, काठमांडू में चीनी दूतावास के बाहर हुए प्रदर्शन

लद्दाख में भारत-चीन सेना के बीच हई हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए हैं और अब उनके पार्थिव शरीर को उनके परिवार वालों तक पहुंचाए जा रहे हैं। इस हिंसत झड़प के बाद जल, थल और वाय तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रखा गया है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 18, 2020 4:17 AM IST / Updated: Jun 18 2020, 02:48 PM IST

नई दिल्ली. लद्दाख में भारत-चीन सेना के बीच हई हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए हैं और अब उनके पार्थिव शरीर को उनके परिवार वालों तक पहुंचाए जा रहे हैं। इस हिंसत झड़प के बाद जल, थल और वाय तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रखा गया है। तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रहने का फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ आर्मी डिफेंस (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की हुई बैठक में लिया गया। लद्दाख में भारत-चीन पर अभी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। इसके साथ ही नेपाल में चीन के दूतावास के बाहर लोगों ने उनसे शांति बनाए रखने की मांग की और प्रदर्शन किया। 

ऐसी हालत में मिले भारतीय शहीद जवान

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बताया जा रहा है कि गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वॉइंट-14 पर स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी हुई है। मेजर जनरल-स्तरीय वार्ता ने कल मुश्किल से चीजों को नियंत्रण में रखा है। तनावपूर्ण माहौल के बीच दोनों देशों के बीच हुई सैन्य अधिकारियों की मीटिंग के बाद मामला थोड़ा शांत है। भारतीय सेना के जवानों के गुस्से की सबसे बड़ी वजह है कि कुछ शहीदों के शव क्षत-विक्षत हालात में मिले हैं। यह बटालियन में गुस्से को भड़काने के प्रमुख कारणों में से एक है। लेह कॉर्प्स कमांडर हर घंटे 3 डी कमांडर के साथ संपर्क में हैं और पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। बताया जा रहा है कि चीन के साथ एक दौर की और बातचीत हो सकती है।

इससे किया था चीनी सेना ने भारतीय जवानों पर हमला

इसके साथ ही सोशल मीडिया पर ऐसे हथियार की फोटो सामने आई है, जिसे लेकर कहा जा रहा है कि नुकीली कील वाले सरिये-पत्थर से चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर हमला किया था। गलवान घाटी में हुई झड़प में गोलियां नहीं चली थीं, ऐसे में चीनी सैनिकों ने घात लगाकर नुकीली कीलों वाले मोटे-मोटे सरियों से भारतीय सैनिकों पर हमला किया। 

नौसेना भी बढ़ा रही है तैनाती 

3500 किलोमीटर की चीन सीमा पर भारतीय सेना की कड़ी नजर है। तीनों सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। चीनी नौसेना को कड़ा संदेश भेजने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना भी अपनी तैनाती बढ़ा रही है। इसके साथ ही सेना ने पहले ही अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के साथ अपने सभी प्रमुख फ्रंट-लाइन ठिकानों पर अतिरिक्त जवानों को रवाना कर दिया है। वायुसेना ने पहले से ही अपने सभी फॉरवर्ड लाइन बेस में एलएसी और बॉर्डर एरिया पर नजर रखने के लिए अलर्ट स्तर बढ़ा दिया है।

गौरतलब है कि सोमवार रात गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी। भारतीय सैनिकों का दल चीनी सैनिकों से बातचीत करने गया था, लेकिन चीनी सैनिकों ने हमला कर दिया. इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए, जबकि चीनी सेना के 35 से 40 जवानों के मारे जाने के दावे किए जा रहे हैं।

इस बीच गलवान घाटी पर तनाव को लेकर बैठकों का दौर जारी है. बुधवार रात प्रधानमंत्री आवास पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जहां लद्दाख के हालातों पर चर्चा हुई। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 जून को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

जवानों-ऑफिसर्स की छुटि्टयां कैंसल

इसी बीच, सेना ने अपने ऑफिसर और जवानों की छुटि्टयां कैंसिल कर दी है। कोरोना के चलते जो ऑफिसर्स और जवान पहले से छुट्‌टी पर थे, उन्हें लॉकडाउन लगने पर लौटने से मना कर उनकी छुट्‌टी बढ़ा दी गई थी। अब सभी छुटि्टयों को कैंसिल कर दिया गया है।

सुनील कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा घर 

गुरुवार सुबह बिहार के बिहता में शहीद जवान सुनील कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा। गांव में जब पार्थिव शरीर पहुंचा तो सैकड़ों की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। इस दौरान भारत माता की जय के नारे लगाए गए और सेना के कई अफसर मौजूद रहे। शहीद सुनील कुमार को राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई, इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो मौजूद नहीं रहे, लेकिन डिप्टी सीएम सुशील मोदी श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

 

हवलदार के. पलानी का पार्थिव शरीर पहुंचा उनके घर 

लद्दाख में चीन के साथ झड़प में शहीद हुए हवलदार के. पलानी का शव भी बुधवार को मदुरै पहुंचा। जब पार्थिव शरीर एयरपोर्ट पहुंचा तो सेना के बड़े अफसरों ने के. पलानी को श्रद्धांजलि दी। एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि के बाद के. पलानी के पार्थिव शरीर को उनके गांव लाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

गुरविंदर सिंह भी हुए शहीद 

पंजाब के संगरूर के रहने वाले 22 साल के गुरविंदर सिंह भी चीन के साथ संघर्ष में शहीद हो गए, यहां उनके गांव में गमगीन माहौल है। उनके अलावा पटियाला के शहीद मंदीप सिंह, जमशेदपुर के रहने वाले 21 साल के गणेश को गांव वालों ने श्रद्धांजलि दी।

संतोष बाबू का पार्थिव शरीर पहुंचा हैदराबाद 

इस संघर्ष में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू का पार्थिव शरीर भी बुधवार को ही हैदराबाद पहुंच गया, जहां राज्य की राज्यपाल, मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

बता दें कि सभी 20 जवानों के पार्थिव शरीर को सबसे पहले लद्दाख से दिल्ली लाया गया, इसके बाद हर किसी के शरीर को उनके गांव भेजा गया। जहां स्थानीय नेताओं और सरकारों के प्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि दी। अभी सभी के पार्थिव शरीर घर नहीं पहुंचे हैं, कुछ के पार्थिव शरीर आज पहुंचेंगे। सोमवार यानी 15 जून को गलवान घाटी में चीन और भारत के सैनिकों के बीच संघर्ष हुआ. इस दौरान भारत के 20 जवान शहीद हुए, जबकि चीन को भी बड़ा नुकसान हुआ। हालांकि, चीन की ओर से उसके घायल या मारे गए जवानों की जानकारी नहीं दी गई है।

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