बॉर्डर पर बढ़ी हलचल, तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रखने का फैसला, सीमा से सटे गांव खाली करवाने की तैयारी शुरू

पूर्वी लद्दाख में 15 जून को भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों के पास वापस जाने के लिए कहने आए थे। लेकिन चीनी सैनिक पहले से ही पत्थल इकट्ठा हुए तैयार थे। उन्होंने भारतीय सैनिकों पर ऊंचाई से पत्थर बरसाए। फिर कील लगे डंडे और लोहे की रॉड से हमला किया। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 17, 2020 2:29 PM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:21 PM IST

नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में 15 जून को भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में बड़ा खुलासा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों के पास वापस जाने के लिए कहने आए थे। लेकिन चीनी सैनिक पहले से ही पत्थल इकट्ठा हुए तैयार थे। उन्होंने भारतीय सैनिकों पर ऊंचाई से पत्थर बरसाए। फिर कील लगे डंडे और लोहे की रॉड से हमला किया। बता दें कि सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। हालांकि भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को मारते-मारते दम तोड़ा। यही वजह है कि चीन के 40 जवान की मौत हुई।

तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रखने का फैसला

सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसी में तीनों सेनाओं का अलर्ट पर रखने का फैसला लिया गया। सेना ने पहले ही अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ अपने सभी प्रमुख फ्रंट-लाइन ठिकानों पर जवानों को रवाना कर दिया है। लद्दाख में सीमा से सटे गांव खाली करवाने की तैयारी शुरू हो गई है। सेना ने एहतियातन लोगों से गांव खाली करने को कहा है।

शहीदों की शौर्यगाथा स्मृतिपटल पर अंकित रहेगी : राष्ट्रपति कोविंद 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा में, लद्दाख की गलवान वैली में हमारे सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान को मैं सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में नमन करता हूं। हमारे वीर सैनिकों ने भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वश्रेष्ठ परंपरा का निर्वहन किया है। उनकी शौर्यगाथा देशवासियों के स्मृतिपटल पर सदा अंकित रहेगी। उनके परिवारों के प्रति मेरी गहरी शोक संवेदनाएं।

 

इस स्थिति से निपटने के लिए भारत की नीति क्या है : सोनिया गांधी

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, चीन की सीमा पर हमारे 20 सैनिकों की शहादत ने पूरे देश की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है। मैं इन सब बहादुर वीरों को नमन करती हूं। दिल की गहराई से श्रद्धांजलि देती हूं। साथ ही प्रार्थना करती हूं कि उनके परिवार को ये दुख सहने की शक्ति दे। सरकार बताए कि इस सारी स्थिति से निपटने के लिए भारत की सोच, नीति और हल क्या है? हम विश्वास दिलाते हैं कि संकट की इस घड़ी में कांग्रसे पार्टी पूरी तरह से हमारी सेना, सैनिकों, सैनिक परिवारों और सरकार के साथ है।

राष्ट्र बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा : राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने कहा, गलवान में सैनिकों की क्षति परेशान करने वाली और दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में अपने जीवन का बलिदान दिया। राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। मेरी संवेदनाएं जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ हैं। राष्ट्र इस कठिन घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत के बहादुरों की बहादुरी और साहस पर गर्व है। 

पीएम और मोदी सरकार ने मौन साध लिया है : रणदीप सिंह सुरजेवाला

कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 20 जवानों के शहादत से पूरे देश में भारी रोष है। पूरे देश को हमारे वीर सपूतों के शौर्य पर गर्व है उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दें भारत मां की अस्मिता की रक्षा की है। चीनी सेना के इस दुस्साहस पर पीएम और मोदी सरकार ने मौन साध लिया है। राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी व पूरा प्रतिपक्ष पर बार-बार केंद्र सरकार से गुहार लगाते रहें कि कुछ बताए कि आखिर बॉर्डर पर परिस्थितियां क्या हैं? चीन की सेना ने हमारी सरहदों में कहां तक कब्जा कर लिया है और हमारी कितनी जमीन हड़प ली है?

हमें एक दूसरे से बात करनी चाहिए : विनोद भाटिया, पूर्व डीजीएमओ 

पूर्व डीजीएमओ विनोद भाटिया ने कहा, भारत और चीन ने एलएसी पर हमेशा शांति बनाई रखी है, ये 45 साल बाद हुआ है। जो रिपोर्ट आ रही हैं उनके मुताबिक मिलिट्री कमांडर ने मिलकर बात की, वहां पूरी तरह से डिसएंगेजमेंट हो गया है, ये पहले हो जाना चाहिए था। हमें एक-दूसरे से बात करनी चाहिए कि इसको आगे से रोका जाए।

धक्का-मुक्की का दौर अब नहीं चलेगा : जीडी बख्शी, रक्षा विशेषज्ञ

रक्षा विशेषज्ञ जीडी बख्शी ने कहा, भारत-चीन सीमा पर 53 साल से कोई फायरिंग नहीं हुई थी, धक्का-मुक्की होती रहती है। इस बार जो हुआ वो पूरी तरह अस्वीकार्य है। चीन के साथ बातचीत हो चुकी थी, ये तो सरेआम ​धोखा था। अब हमें चीन को कड़ी चेतावनी देनी होगी कि धक्का-मुक्की का दौर अब नहीं चलेगा।

शहादत के बयान पर चीन का नाम क्यों नहीं लिया : राहुल गांधी

राजनाथ सिंह के ट्वीट पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कड़े प्रहार किए। राहुल ने रक्षा मंत्री से पूछा कि उन्होंने जवानों की शहादत पर बयान देते वक्त चीन का नाम क्यों नहीं लिया?

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