सार
इम्फाल: मणिपुर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब सशस्त्र विद्रोही गुटों के खिलाफ नागरिक समूहों का भी गुस्सा फूट पड़ा है। शनिवार को मुख्यमंत्री के निजी आवास, कई मंत्रियों-विधायकों के घरों पर प्रदर्शन के बाद हमला किए जाने के बाद इंफाल में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट सस्पेंड कर दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने अपने चुनावी कार्यक्रम रद्द कर मणिपुर पर पूरा फोकस कर दिए हैं। शनिवार शाम को मणिपुर फिर से अशांत हो गया।
क्यों हुआ प्रदर्शन?
दरअसल, जिरीबाम जिले में आधा दर्जन लापता लोगों का शव बरामद होने के बाद क्षेत्र के लोगों का गुस्सा अचानक से बढ़ गया है। शनिवार को काफी संख्या में लोग इंफाल में एकत्र हुए और मंत्रियों-विधायकों के घरों के बाहर प्रदर्शन किया। गुस्साएं लोगों ने मंत्रियों-विधायकों के घरों पर हमला भी किया। लोगों का गुस्सा इतने पर भी शांत नहीं हुआ। काफी संख्या में भीड़ मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह के आवास पर पहुंची। प्रदर्शन के बाद हमला बोल दिया। यहां पहले से मौजूद सुरक्षाकर्मियों और भीड़ के बीच झड़प हुई। सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े और भीड़ को तितर-बितर किया। शनिवार की शाम से अचानक से राज्य में माहौल काफी अधिक तनावपूर्ण हो गया।
नागरिक समूहों ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
मैतेई नागरिक अधिकार समूह, मणिपुर अखंडता पर समन्वय समिति (COCOMI) के प्रवक्ता खुरैजम अथौबा ने कहा कि राज्यों के सभी प्रतिनिधियों और सभी विधायकों को एक साथ बैठकर इस संकट को जल्द से जल्द हल करने के लिए कुछ निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए। यदि वे मणिपुर के लोगों की संतुष्टि के अनुसार कोई निर्णय नहीं लेते हैं तो उन्हें लोगों के असंतोष का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हमने भारत सरकार और मणिपुर सरकार को सभी सशस्त्र समूहों के खिलाफ कोई निर्णायक कार्रवाई करने और सैन्य कार्रवाई करने के लिए 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है।