भारत-चीन सीमा विवाद: 13वें राउंड की हाइलेवल सैन्य वार्ता में क्या सुलझेगा विवाद?

दोनों देशों के बीच 12वें दौर की वार्ता 31 जुलाई को हुई थी। इस वार्ता के कुछ दिनों बाद दोनों सेनाओं ने गोगरा में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की, जिसे इस क्षेत्र में शांति की बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया था। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 10, 2021 5:39 AM IST / Updated: Oct 10 2021, 11:38 AM IST

नई दिल्ली। भारत और चीन (India-China) के बीच सीमा पर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए उच्चस्तरीय सैन्य वार्ता आज हो रहा। 13वें राउंड (13th round talks) की यह बैठक चीन के तरफ मोल्दो (Moldo) में हो रहा है। पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh)  में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास गतिरोध के बाकी स्थानों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भारत के लद्दाख कोर कमांडर और चीनी दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला कमांडर के बीच यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण है। बातचीत के एजेंडे में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 या हॉट स्प्रिंग्स से डी-एस्केलेशन भी शामिल है। रविवार की वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे।

दोनों देशों के बीच 12वें दौर की वार्ता 31 जुलाई को हुई थी। इस वार्ता के कुछ दिनों बाद दोनों सेनाओं ने गोगरा में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी की, जिसे इस क्षेत्र में शांति की बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना गया था। 

चीन ने फिर की घुसपैठ की कोशिश

हाल ही में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की दुस्साहसिक कोशिश की है। ये घटनाएं उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में और दूसरी अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई थी। 
सूत्रों ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में, भारतीय सैनिकों का चीनी सैनिकों के साथ तनावपूर्ण गतिरोध था, जो अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार चले गए थे। 30 अगस्त को, 100 के करीब चीनी सैनिकों ने उत्तराखंड के बाराहोटी क्षेत्र में एलएसी के पार 5 किमी का अतिक्रमण किया।

अगर बात आगे बढ़ी तो...

अगर हॉट स्प्रिंग्स से डी-एस्केलेशन पर दोनों पक्ष एक समझौते पर आने का फैसला करते हैं, तो मई 2020 की चीनी सैनिकों की आक्रामकता को पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति के साथ ही उलट दिया जाएगा। अब तक लगभग पीएलए के 50 जवान गश्त बिंदु 15 पर अपनी स्थिति से आगे हैं और इतनी ही संख्या में भारतीय सेना के जवान भी उनका सामना कर रहे हैं।
बता दें कि पीएलए ने अभी भी दो से अधिक डिवीजनों और कई संयुक्त हथियार ब्रिगेडों को तैनात सीमा पर आगे की ओर तैनात कर रखा है। भारतीय सेना ने भी चीन को टक्कर देते हुए तैनाती कर रखी है और दोनों तरफ से स्टैंडबाय पर वायु सेना को रखा गया है। 

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