Video: ड्रोन हो या विमान, पल भर में खाक करेगा भारत का यह लेजर सिस्टम, जानें कैसे करता है काम

Published : Apr 13, 2025, 05:54 PM ISTUpdated : Apr 13, 2025, 05:57 PM IST
laser based weapon system

सार

भारत ने बनाया लेजर वेपन सिस्टम! हवा में ही दुश्मन के ड्रोन और हेलीकॉप्टर होंगे खाक। DRDO की बड़ी कामयाबी, अब दुनिया देखेगी दम!

Laser based weapon system: भारत ने लेजर की मदद से विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन जैसे टारगेट को हवा में ही खत्म करने की क्षमता का प्रदर्शन किया है। इसके लिए 30 किलोवाट का लेजर आधारित वेपन सिस्टम तैयार किया गया है। यह डिफेंस टेक्नोलॉजी में भारत की बड़ी कामयाबी है।

DRDO (Defence Research and Development Organisation) ने इस DEW (Directed Energy Weapon) को विकसित किया है। अब यह प्रोडक्शन और तैनाती के लिए तैयार है। इस सफलता के साथ ही भारत अमेरिका, चीन और रूस के साथ खास देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एडवांस लेजर वेपन क्षमताएं हैं।

 

 

DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने कहा, "यह तो बस यात्रा की शुरुआत है। मुझे यकीन है कि हम जल्द ही अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे। हम हाई एनर्जी माइक्रोवेव, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स जैसी अन्य हाई एनर्जी सिस्टम पर भी काम कर रहे हैं। हम कई ऐसी तकनीकों पर काम कर रहे हैं जो हमें स्टार वार्स जैसी क्षमताएं देगा।"

 

 

5km है 30 किलोवाट के लेजर वेपन सिस्टम का रेंज

DRDO ने 30 किलोवाट के जिस लेजर वेपन सिस्टम का प्रदर्शन किया है उसका रेंज 5 किलोमीटर है। इसे ड्रोन और हेलीकॉप्टर जैसे हवाई खतरों का मुकाबला करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें संचार और उपग्रह संकेतों को जाम करने सहित एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताएं हैं।

इसे जमीन पर और युद्धपोत पर तैनात किया जा सकता है। यह सिस्टम 360 डिग्री इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (ईओ/आईआर) सेंसर से लैस है। इसे हवाई, रेल, सड़क या समुद्र के माध्यम से तेजी से तैनात किया जा सकता है।

DRDO डायरेक्ट एनर्जी वेपन को लेकर कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। 300 किलोवाट का "सूर्य" लेजर हथियार बनाया जा रहा है। इसका रेंज 20 किलोमीटर है। इसे मिसाइल UAS (Unmanned Aerial Systems) जैसे तेज रफ्तार टारगेट को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है।

कैसे काम करता है लेजर वेपन सिस्टम

लेजर वेपन सिस्टम में हवाई खतरे का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (ईओ/आईआर) सेंसर लगा है। टारगेट का पता लगाने के बाद उसपर हाई एनर्जी लेजर डाला जाता है, जिससे टारगेट जल जाता है।

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