पूर्वी लद्दाख में भारत का दबदबा, 20 से ज्यादा चोटियों पर पूर्ण नियंत्रण; रॉफेल के साथ एयरफोर्स भी तैयार

भारत और चीन के बीच बढ़ते दबाव के मद्देनजर भारतीय सेना लगातार अपनी पकड़ इलाके में मजबूत बनाती जा रही है। पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में सीमा पर तनाव के बीच भारत ने पैंगोंग झील (Pangong Lake) के फ्रिक्शन पॉइंट्स के आसपास 20 से अधिक चोटियों पर भारतीय सेना ने अपनी पकड़ मजबूत बना ली है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 20, 2020 7:02 PM IST / Updated: Sep 21 2020, 12:33 AM IST

नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच बढ़ते दबाव के मद्देनजर भारतीय सेना लगातार अपनी पकड़ इलाके में मजबूत बनाती जा रही है। पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में सीमा पर तनाव के बीच भारत ने पैंगोंग झील (Pangong Lake) के फ्रिक्शन पॉइंट्स के आसपास 20 से अधिक चोटियों पर भारतीय सेना ने अपनी पकड़ मजबूत बना ली है। सूत्रों की माने तो किसी भी आपातकालीन स्थिति से निबटने और कार्रवाई के लिए रॉफेल के साथ भारतीय वायुसेना भी तैयार है. भारत की यह मजबूती देखकर ड्रैगन के होश उड़े हुए हैं । इससे पहले भी चीन ने जब-जब घुसपैठ की कोशिश की भारतीय जवानों की मुस्तैदी और दिलेरी से उन्हें वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ा है।

सूत्रों की मानें तो भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों के साथ-साथ 20 से अधिक महत्वपूर्ण चोटियों पर पिछले कुछ दिनों में अपनी स्थिति बेहद मजबूत कर ली है। दूसरी ओर ये भी सूचना है कि भारतीय वायुसेना भी रॉफेल के साथ किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए तैयार है. उधर लद्दाख में ही फ्रांस निर्मित फाइटर जेट की तैनाती की तैयारी भी शुरू हो गई है। दरअसल 29 और 30 अगस्त की रात भी चीनी सेना ने पैंगोंग लेक इलाके में घुसपैठ की कोशिश की और बाद में हवाई फायरिंग भी की। लेकिन उसकी इस ओछी हरकत से भारतीय सेना और अधिक चौकन्नी हो गई और आनन-फानन में 20  से अधिक महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा जमा लिया. 

राफेल ने दुगुना हुई एयरफोर्स की ताकत 
10 सितंबर को अंबाला में हुए समारोह में पांच राफेल विमानों को वायुसेना के बेड़े में औपचारिक रूप से शामिल कर लिया गया है। इस मौके पर रक्षा मंत्री ने भी कहा था कि सीमाओं पर जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है, ऐसे में भारतीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए ये विमान बहुत कारगर हैं। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने भी कहा था कि इस समय राफेल का आना सुरक्षा कारणों से बहुत उपयोगी है।

भारत की रणनीतिक पकड़ मजबूत
विदेश मंत्रीऔर रक्षा मंत्री ने SCO सम्मेलन के दौरान भी अपने समकक्षों से मुलाकात की थी और शांति स्थापित करने पर बात की। उस समय तो चीन राजी होता नजर आया लेकिन फिर भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया। चीनी सेना की ओर से बीच-बीच में अतिक्रमण की कोशिशें होती रहीं हैं। इसके बाद भारत की सेना लगातार ऑपरेशंस कर रही है जिसमें रणनीतिक रूप से महत्‍वपूर्ण ऊंचाइयों तक पहुंच बनाई जा रही है। इन ऑपरेशंस की मॉनिटरिंग राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे कर रहे हैं।

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