संसद में सांसदों और मंत्रियों के वेतन- भत्ते में कटौती का विधेयक पारित, जानें कितना कम होगा माननीयों का वेतन

 रविवार को लोकसभा में 'द सैलरी एंड अलाउंस ऑफ मिनिस्टर्स अमेंडमेंट बिल- 2020 पास किया गया। इस बिल के अनुसार अब मंत्रियों व सांसदों के वेतन और भत्तों में 30 फीसदी की कटौती की जा सकती है। राज्यसभा से इस विधेयक को शुक्रवार को ही मंजूरी मिल चुकी है और रविवार को निचले सदन में भी इसे पारित कर दिया गया। इसके माध्यम से मंत्रियों के भत्ते में कटौती के लिए वेतन और भत्ता अधिनियम-1952 में संशोधन किया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 20, 2020 6:34 PM IST

नई दिल्ली. रविवार को लोकसभा में 'द सैलरी एंड अलाउंस ऑफ मिनिस्टर्स अमेंडमेंट बिल- 2020 पास किया गया। इस बिल के अनुसार अब मंत्रियों व सांसदों के वेतन और भत्तों में 30 फीसदी की कटौती की जा सकती है। राज्यसभा से इस विधेयक को शुक्रवार को ही मंजूरी मिल चुकी है और रविवार को निचले सदन में भी इसे पारित कर दिया गया। इसके माध्यम से मंत्रियों के भत्ते में कटौती के लिए वेतन और भत्ता अधिनियम-1952 में संशोधन किया गया है। इसके आलावा लोकसभा में नेशनल फॉरेंसिक साइंस विधेयक 2020 पारित हो गया है। इसमें गुजरात फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के रूप में उन्नयन करने की बात कही गई है। राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्विवद्यालय विधेयक को मार्च में सदन में पेश किया गया था। सदन में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने चर्चा एवं पारित होने के लिये इसे पेश किया। इसे बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया गया ।

लोकसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि श्रमिक ट्रेनों और बसों के माध्यम से 64 लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर अपने गंतव्य तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि सरकारों को भविष्य में आने वाले ऐसे संकटों से निपटने के लिए 65 हजार करोड़ रुपये के पैकेज पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य सरकारों को किट, वेंटिलेटर आदि मुहैया कराए हैं और कई राज्य ऐसे हैं जहां और उपकरणों को रखने की जगह नहीं है।

पीएम केयर्स फंड से स्वास्थ्य मंत्रालय को मिले 893 करोड़ : हर्षवर्धन
हर्षवर्धन ने लोकसभा को बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय को पीएम केयर्स फंड से 893.93 करोड़ रुपये मिले हैं। उन्होंने बताया कि यह राशि मंत्रालय रो 50 हजार स्वदेशी वेंटिलेटर के लिए मिली। इसके साथ उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने सबसे पहले 30 जनवरी को एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट की चेतावनी दी थी लेकिन हमने इस पर आठ जनवरी से ही काम शुरू कर दिया था। अभी तक एक करोड़ से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग हुई है।
 

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